1000 Names of Lord Krishna in Hindi भगवान श्री कृष्ण के 1000 नाम
1. | हरिगृही | भक्तों के पाप-ताप का हरण करने वाले |
2. | देवकीनन्दन | अपने आविर्भाव से माता देवकी एवं यशोदा को आनंद प्रदान करने वाले |
3. | कंसहन्ता | कंस का वध करने वाले |
4. | परात्मा | परमात्म |
5. | पीताम्बर: | पीतवस्त्रधारी |
6. | पूर्णदेव: | परिपूर्ण देवता श्रीकृष्ण |
7. | रमेश: | रमावल्लभ |
8. | कृष्ण: | सबको अपनी ओर आकर्षित करने वाले |
9. | परेश: | सर्वोत्कृष्ट ब्रह्मा आदि देवताओं के भी नियन्ता |
10. | पुराण: | पुरातन पुरुष या अनादिसिद्ध |
11. | सुरेश: | देवताओं पर भी शासन करने वाले |
12. | अच्युत: | अपनी महिमा या मर्यादा से कभी च्युत न होने वाले |
13. | वासुदेव: | वसुदेवनंदन अथवा सबके अन्त:करण में निवास करने वाले देवता, चार व्यूहों में से प्रथम व्यूहरूप |
14. | देव: | प्रकाशस्वरूप परम देवता |
15. | धराभारतहर्ता | पृथ्वी का भार हरण करने वाले |
16. | कृती | कृतकृत्य अथवा पुण्यात्मा |
17. | राधिकेश: | राधाप्राणवल्लभ |
18. | पर: | सर्वोत्कृष्ट |
19. | भूवर | पृथ्वी के स्वामी |
20. | दिव्यगोलोक-नाथ: | दिव्यधाम गोलोक के स्वामी |
21. | सुदाम्नस्तथा राधिकाशापहेतु: | सुदामा तथा राधिका के पारस्परिक शाप में कारण |
22. | घृणी | दयालु |
23. | मानिनी-मानद: | मानिनी को मान देने वाले |
24. | दिव्यलोक: | दिव्यधाम स्वरूप |
25. | लसद्गोपवेश: | सुन्दर गोपवेषधारी |
26. | अज: | अजन्मा |
27. | राधिकात्मा | राधिका के आत्मा अथवा राधिका हैं आत्मा जिनकी, वे |
28. | चलत्कुण्डल: | हिलते हुए कुण्डलों से सुशोभित |
29. | कुन्तली | घुंघराली अलकों से शोभायमान |
30. | कुन्तलस्त्रक् | केशराशि में फूलों के हार धारण करने वाले |
31. | कदाचिद् राधया रथस्थ: | कभी-कभी राधिका के साथ रथ में विराजमान |
32. | दिव्यरत्न | दिव्यमणि- कौस्तुभ धारण करने वाले अथवा अखिल जगत् के दिव्य रत्न स्वरूप |
33. | सुधासौधभूचारण: | चूने से लिपे-पुते छत की महल पर घुमने वाले |
34. | दिव्यवासा: | दिव्य वस्त्रधारी |
35. | कदा वृन्दकारण्यचारी | कभी-कभी वृंदावन में विचरने वाले |
36. | स्वलोके महारत्न सिंहासनस्थ: | अपने धाम में महामूल्यवान एवं विशाल रत्नमय सिंहासन पर विराजमान |
37. | प्रशान्त: | परम शान्त |
38. | महाहंसभैश्चामरैर्वीज्यमान: | महान हंसों के समान श्वेत चामरों से जिनके ऊपर हवा की जाती है, ऐसे भगवान |
39. | चलच्छत्रमुक्तावली शोभमान: | हिलते हुए श्वेतच्छत्र तथा मुक्ता की मालाओं से शोभित होने वाले। |
40. | सुखी | आनंदस्वरूप |
41. | कोटिकंदर्प लीलाभिराम: | करोड़ों कामदेवों के सामने ललित लीलाओं के कारण अतिशय मनोहर |
42. | क्वणन्नूपुरालं कृताङघ्रि: | झंकारते हुए नूपुरों से अलंकृत चरणवाले |
43. | शुभाङघ्रि: | शुभ लक्षणसम्पन्न पैर वाले |
44. | सुजानु | सुन्दर घुटनों वाले |
45. | रम्भाशुभोरु: | केले के समान परम सुन्दर ऊरुयुगल (जांघ) वाले |
46. | कृशांग: | दुबले-पतले |
47. | प्रतापी | तेजस्वी एवं प्रतापशाली |
48. | इभशुण्डासुदोर्दण्डखण्ड: | हाथी की सूंड के समान सुन्दर भुजदण्डमण्डल वाले |
49. | जपापुष्पहस्त: | डहुल के फूल के समान लाल-लाल हथेली वाले |
50. | शातोदरश्री: | फतली कमर की शोभा से सम्पन्न |
51. | महापद्मवक्ष: स्थल: | वक्ष:स्थल में प्रफूल्ल विशाल कमल की माला से अलंकृत, अथवा जिनका हृदय कमल विशाल है, ऐसे, |
52. | चन्द्रहास: | जिनके हंसते समय चन्द्रमा की चांदनी की सी छटा छिटक जाती है, ऐसे |
53. | लसत्कुन्ददन्त: | शोभामयों कुन्दकलिका के समान उज्जवल दांत वाले |
54. | बिम्बाधरश्री: | जिनके अधर की शोभा पक्व बिम्ब फल से अधिक अरुण है, ऐसे, |
55. | शरत्पद्मनेत्र: | शरत्काल के प्रफुल्ल कमल के सदृश नेत्रवाले |
56. | किरीटोज्ज्वलाभ: | कान्तिमान किरीट की उज्जवल आभा धारण करने वाले |
57. | सखीकोटिभिर्वर्तमान: | करोड़ों सखियों के साथ रहकर शोभा पाने वाले |
58. | निकुंजे प्रियाराधया राससक्त: | निकुंज में प्राणवल्लभा श्रीराधा के साथ रासलीला में तत्पर |
59. | नवांग: | अपने दिव्य अंगों में नित्य नूतन रमणीयता धारण करने वाले |
60. | धराब्रह्मरुद्रा दिभि: प्रार्थित: सन् धराभारदूरीक्रियार्थं प्रजात: | पृथ्वी, ब्रह्मा तथा रुद्र आदि देवताओं की प्रार्थना सुनकर भूमि का भार दूर करने के लिए अवतार ग्रहण करने वाले |
61. | यदु: | यादवकुल के प्रवर्तक राजा यदु जिनकी विभूति हैं, वे |
62. | देवकीसौख्यद: | देवकी को सुख देने वाले |
63. | बन्धनच्छित् | भवबन्धन का उच्छेद करने वाले अथवा अवतारकाल में माता-पिता के बन्धन को काट देने वाले |
64. | सशेष: | शेषावतार बलरामजी के साथ विराजमान |
65. | विभु: | व्यापक अथवा सर्वसमर्थ |
66. | योगमायी | योगमाया के प्रवर्तक तथा स्वामी |
67. | विष्णु | व्यापक या वैकुण्ठनाथ विष्णुस्वरूप |
68. | व्रजे नन्दपुत्र: | व्रजमंडल में नन्दनन्दन के रूप में लीला करने वाले |
69. | यशोदासुताख्य: | यशोदा के पुत्ररूप में विख्यात |
70. | महासौख्यद: | महान सौख्य प्रदान करने वाले |
71. | बालरूप: | शिशुरूपधारी |
72. | शुभांग: | सुन्दर एवं शुभ लक्षण सम्पन्न शरीर वाले। |
73. | पूतनामोक्षद: | फूतना को मोक्ष देने वाले |
74. | श्यामरूप: | श्याम मनोहर रूप वाले |
75. | दयालु: | कृपालु |
76. | अनोभञ्जन: | शकटभंग करने वाले |
77. | पल्लवाङ्घ्रि: | नूतन पल्लवों के समान कोमल एवं अरूण चरण वले |
78. | तृणावर्त संहारकारी | तृणावर्त का संहार करने वाले |
79. | गोप: | गोपालरूप |
80. | यशोदायश: | यशोदा के यशरूप |
81. | विश्वरूपप्रदर्शी | माता को अपने मुख में (तथा अर्जुन, धृतराष्ट्र और उत्तंक को) सम्पूर्ण विश्वरूप का दर्शन कराने वाले |
82. | गर्गदिष्ट: | गर्गजी के द्वारा जिनका नामकरण संस्कार एवं भावी फलादेश किया गया, ऐसे |
83. | भाग्योदयश्री: | भाग्योदयसूचक शोभा से सम्पन्न |
84. | लसद्वालकेलि: | सुन्दर बालोचित क्रीड़ा करने वाले |
85. | सराम: | बलरामजी के साथ विचरने वाले |
86. | सुवाच: | मनोहर बात करने वाले |
87. | क्वणत्रूपुरै: शब्दयुक् | खनकते हुए नूपुरों से शब्दयुक्त |
88. | जानु-हस्तैर्व्रजेशांगणे रिंगमाण: | घुटनों और हाथों के बल पर व्रजराजनन्द के आंगन में रेंगने या चलने वाले |
89. | दधिस्पृक् | दही का स्पर्श (दान) करने वाले |
90. | हैयंगवीदुग्धभोक्ता | ताजा माखन खाने वाले और दूध पीने वाले |
91. | दधिस्तेयकृत् | व्रजांगनाओं को सुख देने के लिये दही की चोरी-लीला करने वाले |
92. | दुग्धभुक् | दूध का भोग आरोगने वाले |
93. | भाण्डभेत्ता | दही दूध आदि के मटके फोड़ने वाले |
94. | मृदं भुक्तवान् | मिट्टी खाने वाले |
95. | गोपज: | नन्दगोप के पुत्र |
96. | विश्वरूप: | सम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है, ऐसे, |
97. | प्रचण्डांशुचण्डप्रभामण्डितांग: | स्त्रूर्य की प्रखर किरणों से सुशोभित शरीर वाले |
98. | यशोदाकरैर्बन्धनप्राप्त: | यशोदा के हाथों ओखली में बांधे गये |
99. | आद्य: | आदिपुरुष या सबके आदिकारण |
100 | मणिग्रीवमुक्तिप्रद: | कुबेरपुत्र मणिग्रीव और नलकूबर का शाप से उद्धार करने वाले |
101. | दामबद्ध: | यशोदा द्वारा रस्सी से बांधे गये |
102. | कदा व्रजे गोपिकाभि: नृत्यमान: | कभी व्रज में गोपिकाओं के साथ नृत्य करने वाले |
103. | कदा नन्दसन्नन्दकैर्लाल्यमान: | कभी नन्द और सन्नन्द आदि के द्वारा लाड़ लड़ाये जाने वाले |
104. | कदा गोपनन्दांक: | कभी गोपराज नन्द की गोद में समोद विराजमान |
105. | गोपालरूपी | ग्वाल रूपधारी |
106. | कलिन्दांजाकूलग: | कलिन्द नन्दिनी यमुना के तट पर विहार करने वाले |
107. | वर्तमान: | नित्य सत्ता वाले |
108. | घनैर्मारूतैश्छन्न भाण्डीरदेश नन्दहस्ताद् राधया गृहीतो वर: | एक समय प्रचण्ड वायु और घने बादलों से आच्छादित भाण्डीरवन के प्रदेश में नन्दजी के हाथ से श्रीराधा द्वारा गृहीत वरस्वरूप। |
109. | गोलोकलोकागते महारत्नसंघैर्यते कदम्बावृते निकुंजे राधिकासद्विवाहे ब्रह्मणा प्रतिष्ठानगत: | गोलोकधाम से आये महान रत्नसमूहों से शोभित तथा कदम्ब वृक्षों से आवृत निकुंज में राधिकाजी के साथ विवाह के अवसर पर ब्रह्माजी के द्वारा सादन स्थापित |
110. | साममन्त्रै: पूजित: | सामवेद के मंत्रों द्वारा पूजित |
111. | रसी | विविध रसों के अधिष्ठान, परम रसिक |
112. | मालतीनां वनेअपि प्रियाराधया सह राधिकार्थ रासयुक् | मालती वन में भी प्रियतमा राधिका के साथ उन्हीं का सुख पहुंचाने के लिए रास बिलास में संलग्न |
113. | रमेश: धरानाथ: | लक्ष्मी के पति और पृथ्वी के स्वामी |
114. | आनन्दद: | आनन्द प्रदान करने वाले |
115. | श्रीनिकेत: | रमानिवास |
116. | वनेश: | वृन्दावन के स्वामी |
117. | धनी | सीमातीत धन और ऐश्वर्य के स्वामी |
118. | सुन्दर: | अप्रतिम सौन्दर्य की निधि |
119. | गोपिकेश: | गोपांगनाओं के प्राणवल्लभ |
120. | कदा राधया नन्दगेहे प्रापित: | किसी समय राधिका द्वारा नन्द के घर में पहुंचाये गये |
121. | यशोदाकरैर्लालित: | यशोदा के हाथों दुलारे गये |
122. | मन्दहास: | मन्द-मन्द मनोरम हास से सुशोभित |
123. | क्वापि भयी | कहीं-कहीं डरे हुए की भांति लीला करने वाले |
124. | वृन्दारकारण्यवासी | वृन्दावन में निवास करने वाले |
125. | महामंदिरे वासकृत् | नन्दराय के विशाल भवन में रहने वाले |
126. | देवपूज्य: | देवताओं के पूजनीय |
127. | वने वत्सचारी | वन में बछड़े चराने वले |
128. | महावत्सहारी | महान बछड़े का रूप धारण करके आये हुए वत्सासुर के विनाशक |
129. | बकारि: | बकासुर के शत्रु |
130. | सुरै: पूजित: | देवगणों द्वारा सम्मानित |
131. | अघारिनामा | अघासुर का वध करके ‘अघारि’ नाम से प्रसिद्ध |
132. | वने वत्सकृत् | वन में नूतन बछड़ों की सृष्टि करने वाले |
133. | गोपकृत | तन ग्वाल बालों का निर्माण करने वाले |
134. | गोपवेश: | ग्वालवेशधारी |
135. | कदा ब्रह्मणा संस्तुत: | किसी समय ब्रह्माजी के मुख से अपना गुणगान सुनने वाले |
136. | पद्मनाभ: | एकार्णव के जल में अपनी नाभि से कमल प्रकट करने वाले |
137. | विहारी | वृंदावन में विचरण करने वाले और भक्तों के साथ नाना प्रकार विहार करने वाले |
138. | तालभुक | ताड़का फल खाने वाले |
139. | धेनुकारि: | धेनुकासुर के शत्रु |
140. | सदा रक्षक: | सदा सबके रक्षक |
141. | गोविषार्ति प्रणाशी | यमुनाजी का विषाक्त जल पीने से गौओं के भीतर व्याप्त विषजनित पीड़ा का नाश करने वाले, कलिन्द-कन्या यमुना के तट पर जाने वाले |
142. | कालियस्य दमी | कालियनाग का दमन करने वाले |
143. | फणेषु नृत्यकारी | कालियनाग के फणों पर नृत्य करने वाले |
144. | प्रसिद्ध: | सर्वत्र प्रसिद्धि को प्राप्त |
145. | सलील: | लीलापरायण |
146. | शमी | स्वभावत: शान्त |
147. | ज्ञानद: | ज्ञानदाता |
148. | कामपूर: | कामनाओं के पूरक |
149. | गोपयुक् | गोपों के साथ विराजमान |
150. | गोप: | गोपस्वरूप या गौओं के पालक |
151. | आनन्दकारी | आनंददायिनी लीला प्रस्तुत करने वाले |
152. | स्थिर: | स्थैर्ययुक्त |
153. | अग्निभुक् | दावानल को पी जाने वाले |
154. | पालक: | रक्षक |
155. | बाललील: | बालकों- जैसी क्रीडा करने वाले |
156. | सुराग: | मुरली के स्वरों में सुन्दर राग गाने वाले |
157. | वंशीधर: | मुरलीधारी |
158. | पुष्पशील: | स्वभावत: फूलों का श्रृंगार धारण करने वाले |
159. | प्रलम्बप्रभानाशक: | बलराम रूप से प्रलम्बासुर की प्रभा के नाशक |
160. | गौरवर्ण: | गोरे वर्णवाले बलराम |
161. | बल: | बलस्वरूप या बलभद्र |
162. | रोहिणीज: | रोहिणीनन्दन |
163. | राम: | बलराम |
164. | शेष: | शेष के अवतार |
165. | बली | बलवान |
166. | पद्मनेत्र: | कमलनयन |
167. | कृष्णाग्रज: | श्रीकृष्ण के बडे़ भाई |
168. | धरेश: | धरणीधर |
169. | फणीश: | नागराज |
170. | नीलाम्बराभ: | नीलवस्त्र की शोभा से युक्त |
171. | अग्निहारक: | मुंजाटवी में लगी हुई आग को हर लेने वाले |
172. | व्रजेश: | व्रज के स्वामी |
173. | शरदगीष्मवर्षाकर: | शरद, ग्रीष्म और वर्षा प्रकट करने वाले |
174. | कृष्णवर्ण: | श्यामसुन्दर |
175. | व्रजे गोपिकापूजित: | व्रजमंडल में गोप सुन्दरियों द्वारा पूजित |
176. | चीरहर्ता | चीरहरण की लीला करने वाले |
177. | कदम्बे स्थित: | चीर लेकर कदम्ब पर जा बैठने वाले |
178. | चीरद: | गोपकिशोरियों के मांगने पर उन्हें चीर लौटा देने वाले |
179. | सुन्दरीश: | सुन्दरी गोपकुमारियों के प्राणेश्वर |
180. | क्षुधानाशकृत् | ग्वालबालों की भूख मिटाने वाले |
181. | यज्ञपत्नीमन: स्पृक | यज्ञ करने वाले ब्राह्मणों की पत्नी के मन का स्पर्श करने वाले- उनके मंदिर में बस जाने वाले |
182. | कृपाकारक: | दया करने वाले |
183. | केलिकर्ता | क्रीडापरायण |
184. | अवनीश: | भूस्वामी |
185. | व्रजे शक्रयाग प्रणाश: | व्रजमंडल में इन्द्रयाग की परम्परा को मिटा देने वाले |
186. | अमिताशी | गोवर्धन पूजा में समर्पित अपरिमित भोजन राशि को आरोग लेने वाले |
187. | शुनासीरमोहप्रद: | इन्द्र को मोह प्रदान करने वाले अथवा उनके मोह का खण्डन करने वाले |
188. | बालरूपी | बालरूपधारी |
189. | गिरे: पूजक: | गिरिराज गोवर्धन की पूजा करने वाले |
190. | नन्दपुत्र: | नन्दरायजी के बेटे |
191. | अगध्र: | गिरिवरधारी |
192. | कृपाकृत् | कृपा करने वाले |
193. | गोवर्धनोद्धारिनामा | गोवर्धनोद्धारी नाम वाले |
194. | वातवर्षाहर: | आंधी और वर्षा के कष्ट को हर लेने वाले |
195. | रक्षक: | व्रजवासियों की रक्षा करने वाले |
196. | व्रजाधीश गोपांगनाशंकित: | व्रजराज नन्द और गोपांगनाओं से डरने वाले, अथवा गोवर्धन उठाने के अलौकिक कर्म को देखकर व्रजराज नन्द तथा गोपियों को जिनके प्रति यह शंका हुई थी कि ये साधारण गोप नहीं, साक्षात नारायण हो सकते हैं, इस तरह की शंका के पात्र |
197. | अगेन्द्रोपरि शक्रपूज्य: | गिरिराज गोवर्धन के ऊपर इन्द्र के द्वारा पूजनीय |
198. | प्राकस्तुत: | पहले जिनका स्तवन हुआ है, ऐसे |
199. | मृषा शिक्षक: | अपने ऊपर शंका करने वाले नन्दादि गोपों को व्यर्थ की बातों से बहला देने वाले |
200. | देवगोविन्द नामा | ‘गोविन्ददेव’ नाम धारण करने वाले |
201. | व्रजाधीशरक्षाकर: | व्रजराज नन्द की रक्षा करने वाले (उन्हें वरुणलोक से छुड़ाकर लानेवाले) |
202. | पाशिपूज्य: | पाशधारी वरुण के द्वारा पूजनीय |
203. | अनुगैर्गोपजै: दिव्यवैकुण्ठदर्शी | अनुगामी ग्वालबालों के साथ जाकर उन्हें दिव्य वैकुण्ठधाम का दर्शन कराने वाले |
204. | चलच्चारुवंशीक्वण:: | मनोहर वंशी की ध्वनि को चारों ओर फैलाने वाले |
205. | कामिनीश: | गोप सुन्दरियों के प्राणेश्वर |
206. | व्रजे कामिनी मोहद: | व्रज की कामिनियों को मोह प्रदान करने वाले |
207. | कामरूप: | कामदेव से भी सुन्दर रूप वाले |
208. | रसाक्त: | रसमग्न |
209. | रसी रासकृत् | रासक्रीडा करने वाले रसों के निधि |
210. | राधिकेश: | राधिका के स्वामी |
211. | महामोहद: | महान मोह प्रदान करने वाले |
212. | मानिनीमानहारी | मानिनियों के मान हर लेने वाले |
213. | विहारी वर: | विहारशील श्रेष्ठ पुरुष |
214. | मानहृत | मान हर लेने वाले |
215. | राधिकांग: | श्रीराधिका जिनकी वांगस्वरूपा हैं, वे |
216. | धराद्वीपग: | भूमण्डल के सभी द्वीपों में जाने वाले |
217. | खण्डचारी | विभिन्न वनखण्डों में विचरने वाले |
218. | वनस्थ: | वनवासी |
219. | प्रिय: | सबके प्रियतम |
220. | अष्टवक्रर्षिद्रष्टा | अष्टावक्र ॠषि का दर्शन करने वाले |
221. | सराध: | राधिका के साथ विचरने वाले |
222. | महामोक्षद: | महामोक्ष प्रदान करने वाले |
223. | प्रियार्थं पद्महारी: | प्रियतमा की प्रसन्नता के लिए कमल के फूल लाने वाले |
224. | वटस्थ: | वटवृक्ष पर विराजमान |
225. | सुर: | देवता |
226. | चन्दनाक्त: | चन्दन से चर्चित |
227. | प्रसक्त: | श्रीराधा के प्रति अधिक अनुरक्त |
228. | राधया व्रजं ह्यागत: | श्रीराधा के साथ व्रजमण्डल में अवतीर्ण |
229. | मोहिनीषु महामोहकृत् | मोहिनियों में महामोह उत्पन्न करने वाले |
230. | गोपिकागीतकीर्ति: | गोपिकाओं द्वारा गायी गयी कीर्तिवाले |
231. | रसस्थ: | अपने स्वरूपभूत रस में स्थित |
232. | पटी | पीताम्बरधारी |
233. | दु:खिता-कामिनीश: | दुखिया नारियों के रक्षक |
234. | वने गोपिकात्यागकृत् | वन में गोपियों का त्याग करने वाले |
235. | पादचिह्नप्रदर्शी | वन में ढ़ूंढती हुई गोपिकाओें को अपना चरण चिन्ह प्रदर्शित करने वाले |
236. | कलाकारक: | चौंसठ कलाओं के कलाकार |
237. | काममोही | अपने रूप और लावण्य से कामदेव को भी मोहित करने वाले |
238. | वशी | मन और इन्द्रियों को वश में रखने वाले |
239. | गोपिकामध्यग: | गोपांगनाओं के बीच में विराजमान |
240. | पेशवाच: | मधुरभाषी |
241. | प्रियाप्रीतिकृत् | प्रिया श्रीराधा से प्रेम करने वाले अथवा प्रिया की प्रसन्नता के लिये कार्य करने वाले |
242. | रासरक्त: | रास के रंग में रंगे हुए |
243. | कलेश: | सम्पूर्ण कलाओं के स्वामी |
244. | रसारक्तचित्त | रसमग्न चित्त वाले |
245. | अनन्तस्वरूप: | अनन्त रूपवाले अथवा शेषनाग-स्वरूप |
246. | स्त्रजासंवृत: | आजानुलम्बिनी वनमाला धारण करने वाले |
247. | वल्लवीमध्यसंस्थ: | गोपांगना मण्डल के मध्य बैठे हुए |
248. | सुबाहु: | सुन्दर बांह वाले |
249. | सुपाद: | सुन्दर चरण वाले |
250. | सुवेश: | सुन्दर वेश वाले |
251. | सुकेशो व्रजेश | सुन्दर केशवाले वज्रमण्डल के स्वामी |
252. | सखा | सकख्य-रति के आलम्बन |
253. | वल्लभेश: | प्राणवल्लभा श्रीराधा के हृदयेश |
254. | सुदेश: | सर्वोत्कृष्ट देशस्वरूप |
255. | क्वणत्किङ्किणीजालभृत् | झनकारती हुई किकिंणी की लड़ों को धारण करने वाले |
256. | नूपुराढय: | चरणों में नूपुरों की शोभा से सम्पन्न |
257. | लसत्कंकण: | कलाइयों में सुन्दर कंगन करने वाले |
258. | अंगदी | बाजूबन्दधारी |
259. | हारभार: | हारों के भार से विभूषित |
260. | किरीटी | मुकुटधारी |
261. | चलत्कुण्डल: | कानों में हिलते हुए कुण्डलों से सुशोभित |
262. | अंगुलीयस्फुरत्कौस्तुभ: | हाथों में अंगूठी के साथ वक्ष: स्थल पर जगमगाती हुई कौस्तुभमणि धारण करने वाले |
263. | मालतीमण्डितांग | मालती की माला से अलंकृत शरीर वाले |
264. | महानृत्यकृत् | महारास-नृत्य करने वाले |
265. | रासरंग: | रासरंग में तत्पर |
266. | कलाढ्य: | समस्त कलाओं से सम्पन्न |
267. | चलद्धारभ: | हिलते हुए रत्नहार की छटा छिटकने वाले |
268. | भामिनी-नृत्ययुक्त: | भामिनियों के साथ नृत्य में संलग्न |
269. | कलिन्दांगजाकेलिकृत् | कलिन्द नन्दिनी यमुनाजी के जल में क्रीडा करने वाले |
270. | कुंकुमश्री: | केसर-कुंकुम की शोभा से सम्पन्न |
271. | सुरैर्नायिका-नायकैर्गीयमान: | नायिकाओं के नायक, अर्थात अपनी प्राणवल्लभाओं के साथ सुशोभित देवताओं द्वारा जिनके यश का गान किया जाता है, वे |
272. | सुखाढ्य: | स्वरूपभूत सुख से सम्पन्न |
273. | राधापति: | राधिका के प्राणवल्लभ |
274. | पूर्ण-बोध | पूर्ण ज्ञानस्वरूप |
275. | कटाक्षस्मिती | नचायी हुई भौहों के विलास से शोभायमान |
276. | वल्गितभ्रूविलास: | नचायी हई भौंहों के विलास से शोभयमान |
277. | सुरम्य: | अत्यन्त रमणीय |
278. | अलिभि:कुन्तलालोलकेश: | मंडराते भ्रमरों से युक्त कुछ हिलते घुंघराले केश वाले |
279. | स्फुरद्वर्ह-कुन्दस्त्रजाचारुवेश: | फरफराते हुए मोर पंख के मुकुट और कुंद कुसुमों की माला से मनोहर वेशवाले |
280. | महासर्पतो नन्दरक्षापराङ्घ्रि: | जिनके चरण महान् अजगर के भय से नन्द की रक्षा करने वाले हैं, वे |
281. | सदा मोक्षद: | सतत मोक्ष प्रदान करने वाले |
282. | शंखचूडप्रणाशी | ‘शंखचूड़’ नामक यक्ष को मार भगाने वाले |
283. | प्रजारक्षक: | प्रजाजनों के प्रतिपालक |
284. | गोपिकागीयमान: | गोपांगनाओं द्वारा जिनके यश का गान किया जाता है, वे |
285. | कुद्मिप्रणाशप्रयास: | अरिष्टासुर के वध के लिये प्रयास करने वाले |
286. | सुरेज्य: | देवताओं के पूजनीय |
287. | कलि: | कलिस्वरूप |
288. | क्रोधकृत् | दुष्टों पर क्रोध करने वाले |
289. | कंसमन्त्रोपदेष्टा | नारदरूप से कंस को मन्त्रोपदेश करने वाले |
290. | अक्रूरमन्त्रोपदेशी | अक्रूर को अपने नाम-मंत्र का उपदेश करने वाले अथवा उनको मन्त्रणा देने वाले |
291. | सुरार्थ: | देवताओं का प्रयोजन सिद्ध करने वाले |
292. | बली केशिहा | केशी का नाश करने वाले महान् बलवान् |
293. | पुष्पवर्षामलश्री: | देवताओं द्वारा जिन पर पुष्पवर्षा की गयी है, वे भगवान |
294. | अमलश्री: | उज्ज्वल शोभा से सम्पन्न |
295. | नारदादेशतो व्योमहन्ता | नारदजी के कहने से व्योमासुर का वध करने वाले |
296. | अक्रूरसेवापर: | नन्द-व्रज में आये हुए अक्रूर की सेवा में संलग्न |
297. | सर्वदर्शी | सबके द्रष्टा |
298. | व्रजे गोपिकामोहद: | वज्र में गोपांगनाओं को मोहित करने वाले |
299. | कूलवर्ती | यमुना के तट पर विद्यमान |
300. | सतीराधिकाबोधद: | मथुरा जाते समय सती राधिका को बोध (आश्वासन) देने वाले |
301. | स्वप्नकर्ता | श्रीराधिका के लिये सुखमय स्वप्न की सृष्टि करने वाले |
302. | विलासी | लीला- विलास- परायण |
303. | महामोहनाशी | महामोह के नाशक |
304. | स्वबोध: | आत्मबोधस्वरूप |
305. | व्रजे शापतस्त्यक्तराधासकाश: | व्रज में शापवश राधा के समीप निवास का त्याग करने वाले |
306. | महामोहदावाग्निदग्धापति: | श्रीकृष्णविषयक महामोहरूप दावानल से दग्ध होने वाली श्रीराधा के पालक या प्राणरक्षक |
307. | सखीबन्धनान्मोचिताक्रूर: | सखियों के बन्धन से अक्रूर को छुड़ाने वाले |
308. | आरात सखीकङ्कणैस्ताडिताक्रूररक्षी | निकट आयी हुई सखियों के कंगनों की मार से पी पीड़ित अक्रूर की रक्षा करने वाले |
309. | व्रजे राधयारथस्थ: | व्रज में राधा के साथ रथ पर विराजमान |
310. | कृष्णचन्द्र: | श्रीकृष्णचन्द्र |
311. | गोपकै: सुगुप्तो गमी | ग्वाल-बालों के साथ अत्यन्त गुप्तरूप से मथुरा की यात्रा करने वाले |
312. | चारुलील: | मनोहर लीलाएं करने वाले |
313. | जलेऽक्रूरसंदर्शित: | यमुना के जल में अक्रूर को अपने रूप का दर्शन कराने वाले |
314. | दिव्यरूप: | दिव्यरूपधारी |
315. | दिदृक्षु: | मथुरापुरी देखने के इच्छुक |
316. | पुरीमोहिनीचित्तमोही | मथुरापुरी की मोहिनी स्त्रियों के भी चित्त को मोह लेने वाले |
317. | रङ्गकारप्रणाशी | कंस के रंगकार या धोबी को नष्ट करने वाले |
318. | सुवस्त्र: | सुन्दरवस्त्रधारी |
319. | स्त्रजी | माली सुदामा की दी हुई माला धारण करने वाले |
320. | वायकप्रीतिकृत् | दर्जी को प्रसन्न करने वाले |
321. | मालिपूज्य: | माली के द्वारा पूजित |
322. | महाकीर्तिद: | माली को महान सुयश प्रदान करने वाले |
323. | कुब्जाविनोदी | कुब्जा के साथ हास-विनोद करने वाले |
324. | स्फुरच्चदण्ड-कोदण्डरुग्ण: | कंस के कान्तिमान को दण्ड खण्डन (धनुष-भंग) करने वाले |
325. | प्रचण्ड: | प्रचण्ड (महान बलवान) दिखायी देने वाले |
326. | भटार्त्तिप्रद: | कंस के मल्ल योद्धाओं को पीड़ा देने वाले |
327. | कंसदु:स्वप्नकारी | कंस को बुरे सपने दिखाने वाले |
328. | महामल्लवेश: | महान मल्लों के समान वेष धारण करने वाले |
329. | करीन्द्र-प्रहारी | गजराज कुवलयापीड़ पर प्रहार करने वाले |
330. | महामात्यहा | महावतों को मारने वाले |
331. | रंगभूमिप्रवेशी | कंस की मल्लशाला में प्रवेश करने वाले |
332. | रसाढ्य: | नौ रसों से सम्पन्न (भिन्न-भिन्न द्रष्टाओं को विभिन्न रसों के आलम्बन के रूप में दिखायी देने वाले) |
333. | यश:स्पृक् | यशस्वी |
334. | बलीवाक्पटुश्री: | अन्नत शक्ति से सम्पन्न और बातचीत करने में प्रवीण ऐश्वर्यवान् |
335. | महामल्लहा | बड़े-बड़े मल्ल चाणूर और मुष्टिक आदि का वध करने वाले |
336. | युद्धकृत् | युद्ध करने वाले |
337. | स्त्रीवचोअर्थी | रंगोत्सव देखने के लिये आयी हुई स्त्रियों के वचनों को सुनने की इच्छा वाले |
338. | धरानायक: कंसहन्ता | कंस का हनन करने वाले भूतल के स्वामी |
339. | प्राग्यदु: | पूर्ववर्ती राजा यदुस्वरूप |
340. | सदापूजित | सदा सबसे पूजित |
341. | उग्रसेनप्रसिद्ध: | उग्रसेन की प्रसिद्धि के कारण |
342. | धराराज्यद: | उग्रसेन को भूमण्डल का राज्य देने वाले |
343. | यादवैर्मण्डितांग: | यादवों से सुशोभित शरीर वाले ।। |
344. | गुरो: पुत्रद: | गुरु को पुत्र प्रदान करने वाले |
345. | ब्रह्मविद् | ब्रह्मावेत्ता |
346. | ब्रह्मपाठी | वेदपाठ करने वाले |
347. | महाशंखहा | महान् राक्षस शंखासुर का वध करने वाले |
348. | दण्डधृकपूज्य: | दण्डधारी यमराज के लिये पूजनीय |
349. | व्रजे उद्धव प्रेषिता | वज्र में वहां का समाचार जानने के लिये उद्धव को भेजने वाले |
350. | गोपमोही | अपने रूप, गुण और सद्भाव से गोपागणों को मोह लेने वाले |
351. | यशोदाघृणी | मैया यशोदा के प्रति अत्यन्त कृपालु |
352. | गोपिकाज्ञानदेशी | गोपांगनाओं को ज्ञानोपदेश करने वाले |
353. | सदा स्नेहकृत् | सदा स्नेह करने वाले |
354. | कुब्जया पूजितांग: | कुब्जा के द्वारा पूजित अंगवाले |
355. | अक्रूरगेहंगमी | अक्रूर के घर पधारने वाले |
356. | मन्त्रवेत्ता | मन्त्रणा के मर्मज्ञ |
357. | पाण्डवप्रेषिताक्रूर: | पाण्डवों का समाचार लाने के लिये अक्रूर को भेजने वाले |
358. | सुखी सर्वदर्शी | सौख्ययुक्त, सबके साक्षी अथवा सर्वज्ञ |
359. | नृपानन्द-कारी | राजा उग्रसेन को आनन्द देने वाले |
360. | महाक्षौहिणीहा | जरासंध की तीस अक्षौहिणी सेना का विनाश करने वाले |
361. | जरासंधमानोद्धर: | जरासंध का मान भंग करने वाले |
362. | द्वारकाकारक: | द्वारकापुरी का निर्माण करने वाले |
363. | मोक्षकर्ता | भवबन्धन से छुटकारा दिलाने वाले |
364. | रणी | युद्ध के लिये सदा उद्यत |
365. | सर्वाभैमस्तुत: | सत्ययुग के चक्रवर्ती राजा मुचुकुन्द ने जिनकी स्तुति की, ऐसे |
366. | ज्ञानदाता | मुचुकुन्द को ज्ञान प्रदान करने वाले |
367. | जरासंध संकल्पकृत | एक बार अपनी पराजय का अभिनय करके जरासंध के संकल्प की पूर्ति करने वाले |
368. | धावदङ्घ्रि: | पैदल भागने वाले |
369. | नगादुत्पतन्द्वारकामध्वर्ती | प्रवर्षणगिरि से उछलकर द्वारकापुरी के बीच विराजमान |
370. | रेवतीभूषण | बलरामरूप से रेवती के सौभाग्यभूषण |
371. | तालचिह्नो यदु: | ताल के चिन्ह से युक्त ध्वजा वाले यदुवीर |
372. | रुक्मिणीहारक: | रुक्मिणी का अपहरण करने वाले |
373. | चैद्यभेद्य: | चेदिराज शिशुपाल जिनका वध्य है, वे |
374. | रूक्मिरूपप्रणाशी | रुक्मी की आधी मूंछ मुंड़कर उसे कुरूप बनाने वाले |
375. | सुखाशी | स्वरूपभूत आनन्द के आस्वादक |
376. | अनन्त: | शेषनागस्परूप |
377. | मार: | कामदेवावतार |
378. | कार्ष्णि | कृष्णकुमार प्रद्युम्न |
379. | काम: | कामदेव |
380. | मनोज: | काम |
381. | शम्बरारि: | शम्बरासुर के शत्रु कामदेव |
382. | रतीश: | रति के स्वामी |
383. | रथी | रथारूढ़ |
384. | मन्मथ | मन को मथ देने वाले |
385. | मीनकेतु: | मत्स्यचिन्ह ध्वजा से युक्त |
386. | शरी | बाणधारी |
387. | स्मर: | काम |
388. | दर्पक: | कामदेव |
389. | मानहा | मानमर्दन करने वाले |
390. | पञ्चबाण: | पंचबाणधारी कामदेव (ये सब नाम प्रद्युम्नस्वरूप श्रीहरि के पर्यायवाची हैं)। |
391. | प्रिय: सत्यभामापति: | सत्यभामा के प्रिय पति |
392. | यादवेश: | यादवों के स्वामी |
393. | सत्राजित्प्रेमपूर: | सत्राजित् के प्रेम को पूर्ण करने वाले |
394. | प्रहास: | उत्कृष्ट हास वाले |
395. | महारत्नद: | महारत्न स्यमन्तक को ढूंढ़कर ला देने वाले |
396. | जाम्बवद्युद्धकारी | जाम्बवान् से युद्ध करने वाले |
397. | महाचक्रधृक् | महान सुदर्शन चक्र धारण करने वाले |
398. | खड्गधृक् | ‘नन्दक’ नामक खड्ग धारण करने वाले |
399. | रामसंधि | बलरामजी के साथ संधि करने वाले |
400. | विहारस्थित: | लीलाविहारपरायण |
401. | पाण्डवप्रेमकारी | पाण्डवों से प्रेम करने वाले |
402. | कलिन्दांगजामोहन: | कालिन्दी के मन को मोह लेने वाले |
403. | खाण्डवार्थी | खाण्डव-वन को अग्निदेव के लिये अर्पित करने के इच्छुक |
404. | फाल्गुनप्रीतिकृत् सखा | अर्जुन पर प्रेम रखने वाले उनके सखा |
405. | नग्नकर्ता | खाण्डव-वन को जलाकर नग्न (शून्य) करने वाले |
406. | मित्रविन्दापति: | ‘मित्राविन्दा’ नामवाली अवन्ती देश की राजकुमारी के पति |
407. | क्रीडनार्थी | क्रीडा या खेल के इच्छुक |
408. | नृपप्रेमकृत् | राजा नग्नजित् से प्रेम करने वाले |
409. | सप्तरूपो गोजयी | सात रूप धारण करके सात बिगड़ैल बैलों को एक ही साथ नाथकर काबू में कर लेने वाले |
410. | सत्यापति: | नग्नजित्कुमारी सत्या के पति |
411. | पारिवर्ही | राजा नग्नजित् के द्वारा दिये दहेज को ग्रहण करने वाले |
412. | यथेष्टम् | पूर्ण |
413. | नृपै: संवृत: | सत्या को लेकर लौटते समय मार्ग में युद्धार्थी राजाओं द्वारा घेर लिये जाने वाले |
414. | भद्रापति: | भद्रा के स्वामी |
415. | मधोर्विलासी | मधुमास चैत्र की पूर्णिमा को रासविलास करने वाले |
416. | मानिनीश: | मानिनी जनों के प्राणवल्लभ |
417. | जनेश: | प्रजाजनों के स्वामी |
418. | शुनासीरमोहावृत: | इन्द्र के प्रति मोह (स्नेह एवं कृपाभाव) से युक्त |
419. | सत्सभार्य: | सती भार्या से युक्त |
420. | सतार्क्ष्य: | गरुड पर आरूढ़ |
421 | मुरारि: | मुर दैत्य का नाश करने वाले |
422. | पुरीसंघभेत्ता | भौमसुर की पुरी के दुर्गसमुदाय का भेदन करने वाले |
423. | सुवीर: शिर:खण्डन: | श्रेष्ठवीर असुरों का मस्तक काटने वाले |
424. | दैत्यनाशी | दैत्यों का नाश करने वाले |
425. | शरी भौमहा | सायकधारी होकर भौमासुर का वध करने वाले |
426. | चण्डवेग: | प्रचण्ड वेगशाली |
427. | प्रवीर: | उत्कृष्ट वीर |
428. | धरासंस्तुत: | पृथ्वी देवी के मुख से अपना गुणगान सुनने वाले |
429. | कुण्डलच्छत्रहर्ता | अदितिे के कुण्डल और इन्द्र के छत्र को भौमासुर की राजधानी से लेकर उसे स्वर्गलोक तक पहुंचाने वाले |
430. | महारत्नयुक् | महान् मणिरत्नों से सम्पन्न |
431. | राजकन्याअभिराम: | सोलह हजार राजकुमारियों के सुन्दर पति |
432. | शचीपूजित: | स्वर्ग में इन्द्रपत्नी शची के द्वारा सम्मानित |
433. | शक्रजित | पारिजात के लिये होने वाले युद्ध में इन्द्र को जीतने वाले |
434. | मानहर्ता | इन्द्र का अभिमान चूर्ण कर देने वाले |
435. | पारि-जातापहारी रमेश: | पारिजात का अपहरण करने वालेरमावल्लभ |
436. | गृही चामरै: शोभित: | गृहस्थ के रूप में रहकर श्वेत चंवर डुलाये जाने के कारण अतिशय शोभायमान |
437. | भीष्मककन्यापति: | राजा भीष्म की पुत्री रुक्मिणी के पति |
438. | हास्यकृत् | रुक्मिणी के साथ परिहास करने वाले |
439. | मानिनीमानकारी | मानिनी रुक्मिणी को मान देने वाले |
440. | रुक्मिणीवाक्पटु: | रुक्मिणी को अपनी बातों से रिझाने में कुशल |
441. | प्रेमगेह: | प्रेम के अधिष्ठान |
442. | सतीमोहन: | सतियों को भी मोह लेने वाले |
443. | कामदेवापरश्री: | दूसरे कामदेव के समान मनोरम सुषमा से सम्पन्न |
444. | सुदेष्ण: | ‘सुदेष्ण’ नामक श्रीकृष्ण-पुत्र |
445. | सुचारु: | सुचारु |
446. | चारुदेष्ण: | चारुदेष्ण |
447. | चारुदेह: | चारुदेह |
448. | बली चारुगुप्त: | बली, चारुगुप्त |
449. | सुती भद्रचारु: | पुत्रवान् भद्रचारु |
450. | चारुचन्द्र: | चारुचन्द्र |
451. | विचारु: | विचारु |
452. | चारु: | चारु |
453. | रथीपुत्ररूप: | रथी पुत्रस्वरूप |
454. | सुभानु: | सुभानु |
455. | प्रभानु: | प्रभानु |
456. | चन्द्रभानु: | चन्द्रभानु |
457. | बृहद्भानु: | बृहद्भानु |
458. | अष्टभानु: | अष्टभानु |
459. | साम्ब: | साम्ब |
460. | सुमित्र: | सुमित्र |
461. | क्रतु: | क्रतु |
462. | चित्रकेतु: | चित्रकेतु |
463. | वीर: अश्वसेन: | वीर अश्वसेन |
464. | वृष: | वृष |
465. | चित्रगु: | चित्रगु |
466. | चन्द्रबिम्ब: | चन्द्रबिम्ब |
467. | विशंकु: | विशंकु |
468. | वसु: | वसु |
469. | श्रुत: | श्रुत |
470. | भद्र: | भद्र |
471. | सुबाहु: वृष: | उत्तम भुजाओं-युक्त वृष |
472. | सोम: वर: | श्रेष्ठ सोम |
473. | शान्ति: | शान्ति |
474. | प्रघोष: | प्रघोष |
475. | सिंह: | सिंह |
476. | बल: ऊर्ध्वग: | बल और ऊर्ध्वग |
477. | वर्धन: | वर्धन |
478. | उन्नाद: | उन्नाद |
479. | महाश: | महाश |
480. | वृक: | वृक |
481. | वृक: | वृक |
482. | पावन: | पावन |
483. | वन्हिमित्र: | वन्हिमित्र |
484. | क्षुधि: | क्षुधि |
485. | हर्षक: | हर्षक |
486. | अनिल: | अनिल |
487. | अमित्रजित्: | अमित्रजित |
488. | सुभद्र: | सुभद्र |
489. | जय: | जय |
490. | सत्यक: | सत्यक |
491. | वाम: | वाम |
492. | आयु: आयु, यदु: | यदु |
493. | कोटिश: पुत्रपौत्रे: प्रसिद्ध: | इस प्रकार करोड़ों पुत्र-पौत्रों से प्रसिद्ध |
494. | हली दण्डधृक् | ईषादण्डधारी हलधर बलराम |
495. | रुक्महा | रुक्मी का वध करने वाले |
496. | अनिरुद्ध: | किसी के द्वारा रोके न जा सकने वाले |
497. | राजभिर्हास्यग: | अनिरूद्ध के विवाह में द्युत-क्रीड़ा के समय राजाओं ने जिनकी हंसी उड़ायी |
498. | द्यूतकर्ता | विनोद के लिये द्यूत-क्रीड़ा में भाग लेने वाले बलरामजी |
499. | मधु: | मधुवंश में अवतीर्ण |
500. | ब्रह्मसू: | ब्रह्माजी के अवतार अनिरूद्ध |
501. | बाणपुत्रीपति: | बाणासुर की कन्या ऊषा के स्वामी |
502. | महासुन्दर: | अतिशय सौन्दर्यशाली |
503. | कामपुत्र: | प्रद्युम्न के पुत्र अनिरूद्धरूप |
504. | बलीश: | बलवानों के ईश्वर |
505. | महादैत्यसंग्रामकृद् यादवेश: | बड़े-बड़े दैत्यों के साथ युद्ध करने वाले यादवों के स्वामी |
506. | पुरीभञ्चन: | बाणसुर को नगरी को नष्ट- भ्रष्ट करने वाला |
507. | भूतसंत्रासकारी | भूतगणों को संत्रस्त कर देने वाले |
508. | मृधे रुद्रजित् | युद्ध में रुद्र को जीतने वाले |
509. | रुद्रमोही | जृम्भणास्त्र के प्रयोग से रुद्रदेव को मोहित करने वाले |
510. | मृधार्थी | युद्धाभिलाषी |
511. | स्कन्दजित | कुमार कार्तिकेय को परास्त करने वाले |
512. | कूपकर्णप्रहारी | धनुष भंग करने वाले |
513. | धनुर्भजंन: | धनुष भंग करने वाले |
514. | बाणमानप्रहारी | बाणासुर के अभिमान को चूर्ण कर देने वाले |
515. | ज्वरोत्पत्तिकृत | ज्वर की उत्तपत्ति करने वाले |
516. | ज्वरेण संस्तुत | रुद्र के ज्वर द्वारा जिनकी स्तुति की गई, वे |
517. | भुजाछेदकृत् | बाणासुर की बाहों को काट देने वाले |
518. | बाणसंत्रासकर्ता | बाणासुर के मन में त्रास उत्पन्न कर देने वाले |
519. | मुडप्रस्तुत: | भगवान् शिव के द्वारा स्तुत |
520. | युद्धकृत् | युद्ध करने वाले |
521. | भूमिभर्त्ता | भूमण्डल का भरण-पोषण करने वाले, अथवा भूदेवी के पति |
522. | नृगं मुक्तिद: | राजा नृग का उद्धार करने वाले |
523. | यादवानां ज्ञानद: | यादवों को ज्ञान देने वाले |
524. | रथस्थ: | दिव्य रथ पर आरूढ़ |
525. | व्रजप्रेमप: | व्रजविषयक प्रेम के पालक अथवा व्रजवासियों के प्रेमरस का पान करने वाले |
526. | गोपमुख्य: | गोपशिरोमणि |
527. | महासुन्दरीक्रीडित: | अपनी प्रेयसी परम सुन्दरियों के साथ क्रीडा करने वाले बलरामजी |
528. | पुष्पमाली | पुष्प मालाओं से अलंकृत |
529. | कलिन्दांगजाभेदन: | कालिन्दी की धारा को फोड़कर अपनी ओर खींच लाने वाले |
530. | सीरपाणि: | हाथों में हल धारण करने वाले |
531. | महादम्भिहा | बड़े-बड़े दम्भी–पाखण्डियों का दमन करने वाले |
532. | पौण्ड्रमानप्रहारी | पौण्ड्रक के घमंड को चूर्ण कर देने वाले |
533. | शिरश्छेदक: | उसके मस्तक को काट देने वाले |
534. | काशिराजप्रणाशी | काशिकाराज का नाश करने वाले |
535. | महाअक्षौहिणीध्वंसकृत् | शत्रुओं की विशाल अक्षौहिणी सेना का विनाश करने वाले |
536. | चक्रहस्त: | चक्रपाणि |
537. | पुरीदीपक: | काशीपुरी को जलाने वाले |
538. | राक्षसीनाशकर्ता | राक्षसी के नाशक |
539. | अनन्त: | शेषनागरूप |
540. | महीध्र: | धरणी को धारण करने वाले |
541. | फणी | फणधारी |
542. | वानरारि: | ‘द्विविद’ नामक वानर के शत्रु |
543. | स्फुरद्गौरवर्ण: | प्रकाशमान गौरवर्ण वाले |
544. | महापद्मनेत्र: | प्रफुल्ल कमल के समान विशाल नेत्रवाले |
545. | कुरुग्रामतिर्यग्गति: | कौरवों के निवास स्थल हस्तिनापुर को गंगा की ओर तिरछी दिशा में खींच लेने वाले |
546. | गौरवार्थं कौरवै: स्तुत: | जिनका गौरव प्रकट करने के लिये कौरवों ने स्तुति की, वे बलरामजी |
547. | ससाम्ब: पारिबर्ही | साम्ब के साथ कौरवों से दहेज लेकर लौटने वाले |
548. | महावैभवी | महान् वैभवशाली |
549. | द्वारकेश: | द्वारकानाथ |
550. | अनेक: | अनेक रूपधारी |
551. | चलन्नारद: | नारदजी को विचलित कर देने वाले |
552. | श्रीप्रभादर्शक: | अपनी लक्ष्मी तथा प्रभाव को दिखाने वाले |
553. | महर्षिस्तुत: | महर्षियों से संस्तुत |
554. | ब्रह्मदेव: | ब्राह्मणों को देवता मानने वाले अथवा ब्रह्माजी के आराध्यदेव |
555. | पुराण: | पुराणपुरुष |
556. | सदा षोडशस्त्रीसहस्थित: | सर्वदा सोलह हजार पत्नियों के साथ रहने वाले |
557. | गृही | आदर्श गृहस्थ |
558. | लोकरक्षापर: | समस्त लोकों की रक्षा में तत्पर |
559. | लोकरीति: | लौकिक रीति का अनुसरण करने वाले |
560. | प्रभु: | अखिल विश्व के स्वामी |
561. | उग्रसेनावृत: | उग्र सेनाओं से घिरे हुए |
562. | दुर्गयुक्त: | दुर्ग से युक्त |
563. | राजदूतस्तुत: | जरासंध के बंदी राजाओं द्वारा भेजे गये दूत ने जिनकी स्तुति की, वे |
564. | बन्धभेत्ता स्थित: | बन्दी राजाओं के बन्धन काटकर उनके लिये मुक्तिदाता के रूप में स्थित नित्य विद्यमान |
565. | नारदप्रस्तुत: | नारदजी के द्वारा संस्तुत |
566. | पाण्डवार्थी | पाण्डवों का अर्थ सिद्ध करने वाले |
567. | नृपैर्मन्त्रकृत् | राजाओं के साथ सलाह करने वाले |
568. | उद्धवप्रीतिपूर्ण: | उद्धव की प्रीति से परिपूर्ण |
569. | पुत्रपौत्रैर्वृत: | पुत्र-पौत्रों से घिरे हुए |
570. | कुरुग्रामगन्ता घृणी | कुरुग्राम-इन्द्रप्रस्थ में जाने वाले दयालु |
571. | धर्मराजस्तुत: | धर्मराज युधिष्ठिर से संस्तुत |
572. | भीमयुक्त: | भीमसेन से सप्रेम मिलने वाले |
573. | परानन्दद: | परमानन्द प्रदान करने वाले |
574. | धर्मजेन मन्त्रकृत् | धर्मराज युधिष्ठिर से सलाह करने वाले |
575. | दिशाजित् बली | दिग्विजय बलवान् |
576. | राजसूयार्थकारी | युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ-सम्बन्धी कार्य को सिद्ध करने वाले |
577. | जरासंधहा | जरासंध का वध करने वाले |
578. | भीमसेनस्वरूप: | भीमसेनस्वरूप |
579. | विप्ररूप: | ब्राह्मण का रूप धारण करके जरासंध के पास जाने वाले |
580. | गदायुद्धकर्ता | भीमरूप से गदायुद्ध करने वाले |
581. | कृपालु: | दयालु |
582. | महाबन्धनच्छेदकारी | बड़े-बड़े बन्धनों को काट देने अथवा महान भवबन्धन का उच्छेद करने वाले |
583. | नृपै: संस्तुत: | जरासंध के कारागर से मुक्त राजाओं द्वारा संस्तुत |
584. | धर्मगेहमागत: | धर्मराज के घर में आये हुए |
585. | द्विजै: संवृत: | ब्राह्मणों से घिरे हुए |
586. | यज्ञसम्भारकर्ता | यज्ञ के उपकरण जुटाने वाले |
587. | जनै: पूजित: | सब लोगों से पूजित |
588. | चैद्यदुर्वाक्क्षम: | चेदिराज शिशुपाल के दुर्वचनों को सह लेने वाले |
589. | महामोक्षद: | उसे महान मोक्ष देने वाले |
590. | अरे: शिरश्छेदकारी | सुदर्शन चक्र से शत्रु शिशुपाल का सिर काट लेने वाले |
591. | महायज्ञशोभाकर: | युधिष्ठिर के महान् यज्ञ की शोभा बढ़ाने वाले |
592. | चक्रवर्ती नृपानन्दकारी | राजाओं को आनन्द प्रदान करने वाले सार्वभौम सम्राट् |
593. | सुहारी विहारी | सुन्दर हार से सुशोभित विहार परायण प्रभु |
594. | सभासंवृत: | सभा सदों से घिरे हुए |
595. | कौरवस्य मानहृत् | कुरुराज दुर्योधन का मान हर लेने वाले |
596. | शाल्वसंहारक: | राजा शाल्व का संहार करने वाले |
597. | यानहन्ता | शाल्व के सौभ विमान को तोड़ने डालने वाले |
598. | सभोज: | भोजवंशियों सहित |
599. | वृष्णि: | वृष्णिवंशी |
600. | मधु: | मधुवंशी |
601. | शूरसेन: | शूरवीर सेना से संयुक्त, अथवा शूरसेनवंशी |
602. | दशार्ह: | दशार्हवंशी |
603. | यदु: अन्धक: | यदुवंशी तथा अन्धकवंशी |
604. | लोकजित् | लोकविजयी |
605. | द्युमन्मानहारी | द्युमन् का मान हर लेने वाले |
606. | वर्मधृक | कवचधारी |
607. | दिव्यशस्त्री | दिव्य आयुधारी |
608. | स्वबोध | आत्मबोधस्वरूप |
609. | सदा रक्षक: | साधु पुरुषों की सदा रक्षा करने वाले |
610. | दैत्यहन्ता | दैत्यों का वध करने वाले |
611. | दन्तवक्त्रप्रणाशी | दन्तवक्त्र का नाश करने वाले |
612. | गदाधृक् | गदाधारी |
613. | जगत्तीर्थयात्राकर: | सम्पूर्ण जगत् की तीर्थ यात्रा करने वाले बलरामजी |
614. | पद्महार: | कमल की माला धारण करने वाले |
615. | कुशी सूतहन्ता | कुश हाथ में लेकर रोमहर्षण सूत का वध करने वाले |
616. | कृपाकृत | कृपा करने वाले |
617. | स्मृतीश: | धर्मशास्त्रों के स्वामी |
618. | अमल: | निर्मल स्वरूप |
619. | बल्वलांगप्रभाखण्डकारी | बल्वल की अंग कान्ति को खण्डित करने वाले |
620. | भीमदुर्योधनज्ञानदाता | भीमसेन और दुर्योधन को ज्ञान देने वाले |
621. | अपर: | जिनसे बढ़कर दूसरा कोई नहीं है, ऐसे |
622. | रोहिणीसौख्यद: | माता रोहिणी को सुख देने वाले |
623. | रेवतीश: | रेवती के पति बलरामजी |
624. | महादानकृत् | बड़े भारी दानी |
625. | विप्रदारिद्रयहा | सुदामा ब्राह्मण की दरिद्रता दूर कर देने वाले |
626. | सदा प्रेमयुक् | नित्य प्रेमी |
627. | श्रीसुदाम्न सहाय: | श्रीसुदामा के सहायक |
628. | सराम: भार्गवक्षेत्रगन्ता: | बलरामसहित, परशुरामजी के शूर्पारक क्षेत्र की यात्रा करने वाले |
629. | श्रुते सूर्योपरागे सर्वदर्शी | विख्यात सूर्यग्रहण के अवसर पर सबसे मिलने वाले |
630. | महासेनयास्थित: | विशाल सेना के साथ विद्यमान |
631. | स्नानयुक्त: महादानकृत् | सूर्य-ग्रहण पर्व पर स्नान करके महान् दान करने वाले |
632. | मित्रसम्मेलनार्थी | मित्रों के साथ मिलने के लिये इच्छुक अथवा मित्र सम्मेलन रूप प्रयोजन वाले |
633. | पाण्डवप्रीतिद: | पाण्डवों को प्रीति प्रदान करने वाले |
634. | कुन्तिजार्थी | कुन्ती और उनके पुत्रों का अर्थ सिद्ध करने वाले |
635. | विशालाक्ष मोहप्रद: | विशालाक्ष को मोह में डालने वाले |
636. | शान्तिद: | शान्ति देने वाले |
637. | सखी कोटिभि: गोपिकाभि: सहवटे राधिकाराधन: | सखीस्वरूप कोटिश: गोपकिशोरियों के साथ वट के नीचे श्रीराधिका की आराधना करने वाले |
638. | राधिका प्राणनाथ: | श्रीराधा के प्राणेश्वर |
639. | सखीमोहदावाग्निहा | सखियों के मोहरूपी दावानल को नष्ट करने वाले |
640. | वैभवेश: | वैभव के स्वामी |
641. | स्फुरत्कोटिकंदर्पलीलाविशेष: | कोटि-कोटि कान्तिमान् कामदेवों से भी बढ़कर लीला-विशेष प्रकट करने वाले |
642. | सखीराधिकादु:खनाशी | सखियों सहित श्रीराधा के दु:ख का नाश करने वाले |
643. | विलासी | विलासशाली |
644. | सखी मध्यग: | सखियों की मण्डली में विराजमान |
645. | शापहा | शाप दूर करने वाले |
646. | माधवीश: | माधवी श्रीराधा के स्वामी |
647. | शंत वर्षविक्षेपहृत् | सौ वर्षों की वियोग व्यथा को हर लेने वाले |
648. | नन्दपुत्र: | नन्दकुमार |
649. | नन्दवक्षोगत: | नन्द की गोद में बैठने वाले |
650. | शीतलांग: | शीतल शरीर वाले |
651. | यशोदाशुच: स्नानकृत् | यशोदाजी के प्रेमाश्रुओं से नहाने वाले |
652. | दु:खहन्ता | दु:ख दूर करने वाले |
653. | सदा गोपिकानेत्रलग्न: व्रजेश: | नित्यनिरन्तर गोपांगनाओं के नेत्र में बसे रहने वाले व्रजेश्वर |
654. | देवकीरोहिणीभ्यां स्तुत: | देवकी और रोहिणी से संस्तुत |
655. | सुरेन्द्र: | देवताओं के स्वामी |
656. | रहो गोपिकाज्ञानद: | एकान्त में गोपिकाओं को ज्ञान देने वाले |
657. | मानद: | मान देने वाले अथवा मानका खण्डन करने वाले |
658. | पट्टराज्ञीभि: आरात् संस्तुत: धनी | पटरानियों द्वारा निकट और दूर से भी संस्तुत परम ऐश्वर्य से सम्पन्न |
659. | सदा लक्ष्मणाप्राणनाथ: | सदैव लक्ष्मणा के प्राणवल्लभ |
660. | सदा षोडशस्त्रीसहस्त्रस्तुतांग: | सोलह हजार रानियों द्वारा जिनके श्रीविग्रह की सदा स्तुति की गयी है |
661. | शुक: | शुकमुनिस्वरूप |
662. | व्यासदेव: | व्यासदेवरूप, (इसी प्रकार अन्य ऋषियों के नामों में भी स्वरूप जोड़ लेना चाहिये) |
663. | सुमन्तु: | सुमन्तु |
664. | सित: | सित |
665. | भरद्वाजक: | भरद्वाज |
666. | गौतम: | गौतम |
667. | आसुरि: | आसुरि |
668. | सद्वसिष्ठ: | श्रेष्ठ वसिष्ठ मुनि |
669. | शतानन्द: | शतानन्द |
670. | आद्य: राम: | आद्य राम के रूप में प्रसिद्ध परशुराम |
671. | पर्वतो मुनि: | पर्वतमुनि |
672. | नारद: | नारदमुनि |
673. | धौम्य: | धौम्यमुनि |
674. | इन्द्र | इन्द्रमुनि |
675. | असित: | असित |
676. | अत्रि: | अत्रि |
677. | विभाण्ड: | विभाण्ड |
678. | प्रचेता: | प्रचेता |
679. | कृप: | कृप |
680. | कुमार: | सनत्कुमार |
681. | सनन्द: | सनन्दन |
682. | याज्ञवल्क्य: | याज्ञवल्क्य |
683. | ऋभु: | ऋभु |
684. | अंगिरा: | अंगिरा |
685. | देवल: | देवल |
686. | श्रीमृकण्ड: | श्रीमृकण्ड |
687. | मरीचि: | मरीचि |
688. | क्रतु: | क्रतु |
689. | और्वक: | और्व |
690. | लोमश: | लोमश |
691. | पुलस्त्य: | पुलस्त्य |
692. | भृगु: | भृगु |
693. | ब्रह्मारात: वसिष्ठ: | ब्रह्मरात वसिष्ठ |
694. | नर: नारायण: | नर-नारायण |
695. | दत्त: | दत्तात्रेय |
696. | पाणिनि: | व्याकरण-सूत्रकार पाणिनि |
697. | पिंगल: | छन्द:सूत्रकार महर्षि पिंगल |
698. | भाष्यकार: | महाभाष्यकार पिंजलि |
699. | कात्यायन: | वार्तिककार कात्यायन |
700. | विप्रपातंजलि: | ब्राह्मण पतंजलि |
701. | गर्ग: | यदुकुल के स्वामी |
702. | गुरु: | बृहस्पति |
703. | गीष्पति: | वाचस्पति बृहस्पति |
704. | गौतमीश: | गौतम के स्वामी |
705. | मुनि: जाजलि: | महर्षि जाजलि |
706. | कश्यप: | कश्यप |
707. | गालव: | गालव |
708. | द्विज: सौभरि: | ब्रह्मर्षि सौभरि |
709. | ऋष्यश्रृंग: | ऋष्यश्रृंग |
710. | कण्व: | कण्व |
711. | द्वित: | द्वित |
712. | जातूद्भव: | जातूकर्ण्य |
713. | एकत: | एकत |
714. | घन: | घन |
715. | कर्दमस्य-आत्मज: | कर्दमपुत्र कपिल |
716. | कर्दम: | कपिल के पिता महर्षि कर्दम |
717. | भार्गव: | भृगुपुत्र च्यवन |
718. | कौत्स्य: | पवित्र कौत्स्य |
719. | आरुणि: | आरुणि |
720. | शुचि: पिप्पलाद: | पवित्र पिप्पलाद मुनि |
721. | मृकण्डस्य पुत्र: | मार्कण्डेय |
722. | पैल: | पैल |
723. | जैमिनि: | जैमिनि |
724. | सत् सुमन्तु: | सत्सुमन्तु |
725. | वरो गांगल | श्रेष्ठ गांगल मुनि |
726. | स्फोटगेह: फलाद | फल खाने वाले स्फोटगेह |
727. | सदापूजित: ब्राह्मण: | नित्यपूजित ब्राह्मणस्वरूप |
728. | सर्वरूपी: | सर्व-रूपधारी सर्व-रूपधारी |
729. | महामोहनाश: मुनीश: | महान् मोह का नाश करने वाले मुनीश्वर |
730. | प्रागमर: | पूर्वदेवता जो उपेन्द्रवतार में देवतारूप में थे |
731. | मुनीशस्तुत: | मुनीश्वरों द्वारा संस्तुत |
732. | शौरिविज्ञानदाता | वसुदेवजी को ज्ञान देने वाले |
733. | महायज्ञकृत् | महान् यज्ञ करने वाले |
734. | आभृथस्नानपूज्य: | यज्ञान्त में किये जाने वाले |
735. | सदादक्षिणाद: | सदा दक्षिणा देने वाले |
736. | नृपै: पारिबर्ही | राजाओं से भेंट लेने वाले |
737. | व्रजानन्दद: | वज्र को आनन्द देने वाले |
738. | द्वाराकागेहदर्शी | द्वारकापुरी के भवानों को देखने वालेद्वारकापुरी के भवानों को देखने वाले |
739. | महाज्ञानद: | महान् ज्ञान प्रदान करने वाले |
740. | देवकीपुत्रद: | देवकी को उनके मरे हुए पुत्र लाकर देने वाले |
741. | असुरै: पूजित: | असुरों से पूजित |
742. | इन्द्रसेनादृत: | राजा बलि से सम्मानित |
743. | सदाफाल्गुनप्रीतिकृत् | अर्जुन से सदा प्रेम करने वाले |
744. | सत्सुभद्राविवाहे द्विपाश्रवप्रद: | सुभद्रा के शुभ विवाह में दहेज के रूप में हाथी, घोड़े देने वाले |
745. | मानयान: | वरपक्ष को सम्मानित करने वाले अथवा मानयुक्त वाहन अर्पित करने वाले |
746. | भुवं दर्शक: | भूमण्डल को देखने और दिखाने वाले |
747. | मैथिलेन प्रयुक्त: | मिथिलापति राजा बहुलाश्र्व तथा मिथिलानिवासी ब्राह्मण श्रुतदेव से एक ही समय दर्शन देने के लिये प्रार्थित |
748. | आशु ब्राह्मणै: सह राजा स्थित: ब्राह्मणैश्च स्थित: | उसी क्षण एक ही साथ राजा बहुलाश्र्व के साथ विराजमान तथा श्रुतदेव ब्राह्मण के साथ ब्राह्मणों में विराजमान |
749. | मैथिले कृती | मैथिल राजा और मैथिल ब्राह्मण के प्रति कर्तव्य का पालन करने वाले |
750. | लोकवेदोपदेशी | लोक और वेद का उपदेश करने वाले |
751. | सदा वेदवाक्यै: स्तुत: | सदा वेदावचनों द्वारा स्तुत |
752. | शेषशायी | शेषनाग की शय्या पर शयन करने वाले |
753. | अमरेषु ब्राह्मणै: परीक्षावृत: | भृगु आदि ब्राह्मणों ने परीक्षा करके सब देवताओं में श्रेष्ठ रूप से जिनका वरण किया है |
754. | भृगुप्रार्थित: | भृगु से प्रार्थित |
755. | दैत्यहा | दैत्यनाशक |
756. | ईशरक्षी | भस्मासुर को भस्म करके शिवजी की रक्षा करने वाले |
757. | अर्जुनस्य सखा | अर्जुन के मित्र |
758. | अर्जुनस्यापि मानप्रहारी | अर्जुन का भी अभिमान भंग करने वाले |
759. | विप्रपुत्रप्रद: | ब्राह्मण को पुत्र प्रदान करने वाले |
760. | धामगन्ता | ब्राह्मण के पुत्रों को लाने के लिये अपने दिव्यधाम में जाने वाले |
761. | माधवीभिर्विहारस्थित: | अपनी भार्या स्वरूपा मधुकुल की स्त्रियों के साथ समुद्र में जल-विहार करने वाले |
762. | कलांग | कलाएं जिनके अंग हैं, वे |
763. | महामोहदावाग्निदग्धाभिराम: | महामोहमयदावानल से दग्ध (नष्ट) हुए लोगों के मन को आकर्षित करने वाले |
764. | यदु: उग्रसेन: नृप: | यदु, उग्रसेन, नृपति |
765. | अक्रूर | अक्रूर अथवा क्रूरता रहित |
766. | उद्धव: | उद्धव अथवा उत्सवरूप |
767. | शूरसेन: | शूरसेन |
768. | शूर: | शूर |
769. | हृदीक: | कृतवर्मा के पिता ह्दीक (समस्त यादव भगवत्स्वरूप या भगवान की विभूति हैं, इसलिये इन नामों में इनकी गणना की गयी है) |
770 | सत्राजित: | सत्राजित |
771. | अप्रमेय: | प्रमाणातीत |
772. | गद: | बलरामजी के छोटे भाई गद |
773. | सारण: | सारण |
774. | सात्यिक | सत्यकपुत्र |
775. | देवभाग: | देवभाग |
776. | मानस: | मानस |
777. | संजय: | संजय |
778. | श्यामक: | श्यामक |
779. | वृक: | वृक |
780. | वत्सक: | वत्सक |
781. | देवक: | देवक |
782. | भद्रसेन: | भद्रसेन |
783. | नृप अजातशत्रु: | राजा युधिष्ठिर |
784. | जय: | जय (अर्जुन) |
785. | माद्रीपुत्र: | नकुल सहदेव |
786. | भीष्म: | दुर्योधन आदि के पितामह देवव्रत |
787. | कृप: | कृपाचार्य |
788. | बुद्धिचक्षु: | प्रज्ञाचक्षु धृतराष्ट्र |
789. | पाण्डु: | पाण्डवों के पिता राजा पाण्डु |
790. | शांतनु: | भीष्म के पिता राजा शान्तनु |
791. | देवो बाल्हीक: | देवस्वरूप बाल्हीक |
792. | भूरिश्रवा: | भूरिश्रवा |
793. | चित्रवीर्य: | विचित्रवीर्य |
794. | विचित्र: | विचित्र या चित्रांगद |
795. | शल: | शल |
796. | दुर्योधन: | जिसके साथ युद्ध करना कठिन हो, वह राजा दुर्योधन |
797. | कर्ण: | कर्ण |
798. | सुभद्रासुत: | सुभद्राकुमार अभिमन्यु |
799. | प्रसिद्ध: विष्णुरात: | भगवान् श्रीकृष्ण ने जिन्हें जीवनदान दिया था, वे सुप्रसिद्ध राजा परीक्षित |
800. | जनमेजय: | परीक्षित के पुत्र राजा जनमेजय |
801. | पाण्डव: | पांचों पाण्डव |
802. | कौरव: | कुरुकुल में उत्पन्न क्षत्रियसमुदाय |
803. | सर्वतेजा: हरि: | सम्पूर्ण तेज से सम्पन्न एवं भक्तों के चित्त हरण करने वाले भगवान् श्रीकृष्ण |
804. | सर्वरूपी | सर्वस्वरूप |
805. | राधया व्रजं ह्रागत: | श्रीराधा के साथ व्रज में अवतीर्ण |
806. | पूर्णदेव: | परिपूर्णतम परमात्मा |
807. | वर: | सब के वरधीय |
808. | रासलीलापर: | रासक्रीडापरायण |
809. | दिव्यरूपी | दिव्य रूप वाले |
810. | रथस्थ: | रथ पर विराजमान |
811. | नवद्वीपखण्डप्रदर्शी | जमबूद्वीप के नौ खण्डों को देखने-दिखाने वाले |
812. | महामानद: | बहुत सम्मान देने वाले अथवा महामान का खण्डन करने वाले |
813. | विश्वरूप: | स्वयं ही विश्व के रूप में प्रकाशमान |
814. | सनन्द: | सनन्द |
815. | नन्द: | नन्द |
816. | वृष: | वृषभानु |
817. | वल्लवेश: | गोपेश्वर |
818. | सुदामा | ‘श्रीदामा’ नामक गोप |
819. | अर्जुन: | अर्जुन गोप |
820. | सौबल: | सुबल |
821. | सकृष्ण: स्तोक: | स्तोककृष्ण |
822. | अंकुश: | अंकुश |
823. | सद्विशालर्षभाख्य: | विशाल और ऋषभ नामक दो सखाओं वाले |
824. | सुतेजस्विक: | श्रेष्ठ तेजस्वी |
825. | कृष्णमित्रो वरूथ: | श्रीकृष्ण के सखा वरूथ |
826. | कुशेश: | कुशेश्वर |
827. | वनेश: | वनेश्वर |
828. | वृन्दावनेश: | वृन्दावनेश्वर |
829. | माथुरेशाधिप: | मथुरामण्डल के राजाधिराज |
830. | गोकुलेश: | गोकुल के स्वामी |
831. | सदा गोगण: | सदा गौओं के समुदाय के साथ रहने वाले |
832. | गोपति: | गोस्वामी |
833. | गोपिकाकेश: | गोपांगनावल्लभ |
834. | गोवर्धन: | गौओं की वृद्धि करने वाले; गिरिराज गोवर्धन अथवा नामधारी गोप |
835. | गोपति: | गौओं के पालक |
836. | कन्यकेश: | गोपकिशोरियों के प्राणवल्लभ |
837. | अनादि: | जिनका कोई आदिकरण नहीं तथा जो सबके आदि हैं वे |
838. | आत्मा | अन्तर्यामी परमात्मा |
839. | हरि: | श्यामवर्ण श्रीकृष्ण |
840. | पर: पुरुष: | परम पुरुष |
841. | निर्गुण: | प्राकृत गुणों से अतीत |
842. | ज्योतिरूप: | ज्योतिर्मय विग्रहवाले |
843. | निरीह: | चेष्टा या कामना से रहित |
844. | सदा निर्विकार: | सतत विकारशून्य |
845. | प्रपंचात्पर: | सकल दृश्य-प्रपंच से परे विराजमान |
846. | ससत्य: | सत्ययुक्त अथवा सत्या-सत्यभामा से संयुक्त |
847. | पूर्ण: | परिपूर्ण |
848. | परेश: | परमेश्वर |
849. | सूक्ष्म: | सूक्ष्मस्वरूप |
850. | द्वारकायां नृपेण अश्वमेधस्य कर्ता | द्वारका में राजा उग्रसेन के द्वारा अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान करने वाले |
851. | अपि पौत्रेण भूभारहर्ता | पुत्र एवं पौत्र के सहयोग से भूमिका भार उतारने वाले |
852. | पुन: श्रीव्रजे राधया रासरंगस्य कर्ता हरि: | पुन: श्रीव्रज में श्रीराधिका के साथ रास-रंग करने वाले श्रीहरि |
853. | गोपिकानां च भर्ता | श्रीराधा तथा अन्य गोपकिशोरियों के पति |
854. | सदैक: | सदा एकमात्र अद्वितीय |
855. | अनेक: | अनेक रूपों में प्रकट |
856. | प्रभापूरितांग: | प्रकाशपूर्ण अंग वाले |
857. | योगमायाकार: | योगमाया के उद्भावक |
858. | कालजित् | कालविजयी |
859. | सुदृष्टि: | उत्तम दृष्टि वाले |
860. | महत्तत्त्वरूप: | महत्तत्त्स्वरूप |
861. | प्रजात: | उत्कृष्ट अवतारधारी |
862. | कूटस्थ: | कूटस्थ (निर्विकार) |
863. | आद्यांकुर: | विश्ववृक्ष के प्रथम अंकुर, ब्रह्मा |
864. | वृक्षरूप: | विश्ववृक्षरूप |
865. | विकारस्थित: | विकारों (कार्यों) में भी कारणरूप से विद्यमान |
866. | वैकारिकस्तैजस्तामसक्ष्च अहंकार: | वैकारिक, तेजस और तामस (अथवा सात्विक, राजस, तामस) त्रिविध अहंकाररूप |
867. | नभ: | आकाशस्वरूप |
868. | दिक् | दिशास्वरूप |
869. | समीर: | वायुरूप |
870. | सूर्य: | सूर्यस्वरूप |
871. | प्रचेतोश्र्विवन्हि: | वरुण अश्विनीकुमार एवं अग्निस्वरूप |
872. | शक्र: | इन्द्र |
873. | उपेन्द्र: | भगवान् वामन |
874. | मित्र: | मित्रदेवता |
875. | श्रुति: | श्रवणेन्द्रिय |
876. | त्वक् | त्वगिन्द्रिय |
877. | दृक् | नेत्रेन्द्रिय |
878. | घ्राण: | नासिकेन्द्रिय |
879. | जिह्वा | रसनेन्द्रिय |
880. | गिर: | वागिन्द्रिय |
881. | भुजा | हस्तस्वरूप |
882. | मेढरक: | जननेन्द्रियरूप |
883. | पायु: | ‘पायु’ नामक कर्मेन्द्रिय (गुदा) रूप |
884. | गघ्रि: | ‘चरण’ नामक कमेन्द्रियरूप |
885. | सचेष्ट: | चेष्टाशील |
886. | धरा | पृथ्वी |
887. | व्योम | आकाश |
888. | वा: | जल |
889. | मारुत: | वायु |
890. | तेज: | अग्नि (पंचभूतस्वरूप) |
891. | रूपम् | रूप |
892. | रस: | रस |
893. | गन्ध: | गन्ध |
894. | शब्द: | शब्द |
895. | स्पर्श: | स्पर्श-विषयरूप |
896. | सचित्त: | चित्तयुक्त |
897. | बुद्धि: | बुद्धि |
898. | विराट् | विराट् |
899. | कालरूप: | कालस्वरूप |
900. | वासुदेव: | सर्वव्यापी भगवान |
901. | जगत्कृत् | संसार के स्त्रष्टा |
902. | अण्डेशयान: | ब्रह्माण्ड के गर्भ में शयन करने वाले ब्रह्माजी |
903. | सशेष: | शेष के साथ रहने वाले (अर्थात् शेष शय्याशायी) |
904. | सहस्त्रस्वरूप: | सहसहस्त्रों स्वरूप धारण करने वालेस्त्रों स्वरूप धारण करने वाले |
905. | रमानाथ: | लक्ष्मीपति |
906. | आद्योवतार: | ब्रह्मारूप में जिनका प्रथम बार अवतार हुआ, वे श्रीहरि |
907. | सदा सर्गकृत् | विधाता के रूप में सदा सृष्टि करने वाले |
908. | पद्मज: | दिव्य कमल से उत्पन्न ब्रह्मा |
909. | कर्मकर्ता | निरन्तर कर्म करने वाले |
910. | नाभिपद्मोद्भव: | नारायण के नाभिकमल से प्रकट ब्रह्मा |
911. | दिव्यवर्ण: | दिव्य कान्ति से सम्पन्न |
912. | कवि: | त्रिकालदर्शी अथवा विश्वरूप काव्य के निर्माता आदि कवि |
913. | लोककृत् | जगत्स्त्रष्टा |
914. | कालकृत् | काल के निर्माता |
915. | सूर्यरूप: | सूर्यस्वरूप |
916. | अनिमेष: | निमेषरहित |
917. | अभव: | जन्मरहित |
918. | वत्सरान्त: | संवत्सर के लयस्थान |
919. | महीयान् | महान् से भी अत्यन्त महान् |
920. | तिथि: | तिथिस्वरूव |
921. | वार: | दिन |
922. | नक्षत्रम् | नक्षत्र |
923. | योग: | योग |
924. | लग्न: | लग्नस्वरूप |
925. | मास: | मासस्वरूप |
926. | घटी | अर्धमुहूर्तरूप |
927. | क्षण: | क्षणरूप |
928. | काष्ठिका: | काष्ठा |
929. | मुहूर्त: | दो घड़ी का समय |
930. | याम: | प्रहर |
931. | ग्रहा: | ग्रहस्वरूप |
932. | यामिनी | रात्रिरूप |
933. | दिनम् | दिनरूप |
934. | ऋक्षमालागत: | नक्षत्रपंक्तियों में गमन करने वाले ग्रहरूप |
935. | देवपुत्र: | वसुदेवनन्दन |
936. | कृत: | सत्ययुगरूप |
937. | त्रेयता: | त्रेता |
938. | द्वापर: | द्वापररूप |
939. | असौकलि: | यह कलियुग |
940. | युगानां सहस्त्रम् | सहस्त्रचतुर्युग (ब्रह्माजी का एक दिन) |
941. | मन्वन्तरम् | मन्वन्तरकाल |
942. | लय: | संहाररूप |
943. | पालनम् | पालनकर्मस्वरूप |
944. | सत्कृति: | उत्तम सृष्टिरूप |
945. | परार्द्धम् | परार्द्धकालरूप |
946. | सदोत्पत्तिकृत् | सदा सृष्टि करने वाले |
947. | द्वयक्षर: ब्रह्मरूप: | दो अक्षर वाला ‘कृष्ण’ नामक ब्रह्मास्वरूप |
948. | रुद्रसर्ग: | रुद्रसर्ग |
949. | कौमारसर्ग: | कौमारसर्ग |
950. | मुने: सर्गकृत् | मुनिसर्ग के कर्ता |
951. | देवकृत् | देवसर्ग के रचयिता |
952. | प्राकृत: | प्राकृतसर्गरूपी |
953. | श्रुति: | वेद |
954. | स्मृति: | धर्मशास्त्र |
955. | स्तात्रम् | स्तुति |
956. | पुराणम् | पुराण |
957. | धनुर्वेद: | धनुर्वेद |
958. | इज्या | यज्ञ |
959. | गान्धर्ववेद: | गान्धर्ववेद (संगीतशास्त्र) |
960. | विधाता | ब्रह्मा |
961. | नारायण: | विष्णु |
962. | सनत्कुमार: | सनत्कुमार आदि |
963. | वराह: नारद: | वराहावतार देवर्षि नारदरूप |
964. | धर्मपुत्र: | धर्म के पुत्र नर-नारायण आदि |
965. | मुनि: कर्दमस्यात्मज: | कर्दमकुमार कपिल मुनि |
966. | सयज्ञो दत्त: | यज्ञस्वरूप और दत्तात्रेय |
967. | अमरो नाभिज: | अविनाशी ऋषभदेव |
968. | श्रीपृथु: | श्रीमान् राजा पृथु |
969. | सुमत्स्य: | सुन्दर मस्त्यावतार |
970. | कूर्म: | कच्छपावतार |
971. | धन्वन्तरि: | धन्वन्तरि-अवतार |
972. | मोहिनी | मोहिनी नारी का अवतार |
973. | प्रतापी नारसिंह: | प्रतापी नृसिंहावतार |
974. | द्विजोवामन: | ब्राह्मणजातीय वामनावतार |
975. | रेणुकापुत्ररूप: | परशुरामरूप |
976. | श्रुतिस्तोत्रकर्ता मुनि: व्यासदेव: | वेदों के विभाजक तथा स्तोत्र आदि के निर्माता मुनिवर व्यासदेव |
977. | धनुर्वेदभाग् रामचन्द्रावतार: | धनुर्वेद के ज्ञाता श्रीरामचन्द्रावतार |
978. | सीतापति: | जनकनन्दिनी सीता के पति |
979. | भारहृत् | भूभार हरण करने वाले |
980. | रावणारि: | रावण के शत्रु |
981. | नृप: सेतुकृत् | समुद्र पर पुल बांधने वाले नरेश |
982. | वानरेन्द्रप्रहारी | वानरराज (बालि) को मारने वाले |
983. | महायज्ञकृत् | महान् अश्वमेध यज्ञ करने वाले श्रीराम |
984. | प्रचण्ड: राघवेन्द्र: | प्रचण्ड पराक्रमी रघुनाथजी |
985. | बल: कृष्णचन्द्र: | बलराम सहित साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण |
986. | कल्कि: कलेश: | ‘कल्कि’ नामक अवतार कलाओं के स्वामी |
987. | प्रसिद्धो बुद्ध: | प्रसिद्ध बुद्धावतार |
988. | हंस: | हंसावतार |
989. | अश्व: | हयग्रीवावतार |
990. | ऋषीन्द्रोजित: | ऋषिप्रवर पुलहपुत्र अजित |
991. | देववैकुण्ठनाथ: | देवलोक तथा वैकुण्ठलोक के अधिपति |
992. | अमूर्ति: | निराकार |
993. | मन्वन्तरस्यावतार: | मन्वन्तरावतार |
994. | गजोद्धारण: | गज और ग्राह के युद्ध में हाथी को उबारने वाले हरि-अवतार |
995. | ब्रह्मापुत्र: श्रीमनु: | ब्रह्माजी के पुत्र श्रीस्वायम्भुव मनु |
996. | दानशील: | दानशील |
997. | दुष्यन्तजो नृपेन्द्र: | दुष्यन्तकुमार महाराज भरत |
998. | संदृष्ट: श्रुत: भूत: एवं भविष्यत् भवत् | दृष्ट, श्रुत, भूत, भविष्यत् एवं वर्तमानस्वरूप |
999. | स्थावरो जंगम: | स्थावरजंगमरूप |
1000. | अल्पं च महत् | अल्प और महान |
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1000 Names of Lord Krishna in English
1
ॐ कृष्णाय नमः।
Om Krishnaya Namah।
2
ॐ श्रीवल्लभाय नमः।
Om Shrivallabhaya Namah।
3
ॐ शार्ङ्गिणे नमः।
Om Sharngine Namah।
4
ॐ विष्वक्सेनाय नमः।
Om Vishvaksenaya Namah।
5
ॐ स्वसिद्धिदाय नमः।
Om Svasiddhidaya Namah।
6
ॐ क्षीरोदधाम्ने नमः।
Om Kshirodadhamne Namah।
7
ॐ व्यूहेशाय नमः।
Om Vyuheshaya Namah।
8
ॐ शेषशायिने नमः।
Om Sheshashayine Namah।
9
ॐ जगन्मयाय नमः।
Om Jaganmayaya Namah।
10
ॐ भक्तिगम्याय नमः।
Om Bhaktigamyaya Namah।
11
ॐ त्रयीमूर्तये नमः।
Om Trayimurtaye Namah।
12
ॐ भारार्तवसुधास्तुताय नमः।
Om Bharartavasudhastutaya Namah।
13
ॐ देवदेवाय नमः।
Om Devadevaya Namah।
14
ॐ दयासिन्धवे नमः।
Om Dayasindhave Namah।
15
ॐ देवाय नमः।
Om Devaya Namah।
16
ॐ देवशिखामणये नमः।
Om Devashikhamanaye Namah।
17
ॐ सुखभावाय नमः।
Om Sukhabhavaya Namah।
18
ॐ सुखाधाराय नमः।
Om Sukhadharaya Namah।
19
ॐ मुकुन्दाय नमः।
Om Mukundaya Namah।
20
ॐ मुदिताशयाय नमः।
Om Muditashayaya Namah।
21
ॐ अविक्रियाय नमः।
Om Avikriyaya Namah।
22
ॐ क्रियामूर्तये नमः।
Om Kriyamurtaye Namah।
23
ॐ अध्यात्मस्वस्वरूपवते नमः।
Om Adhyatmasvasvarupavate Namah।
24
ॐ शिष्टाभिलक्ष्याय नमः।
Om Shishtabhilakshyaya Namah।
25
ॐ भूतात्मने नमः।
Om Bhutatmane Namah।
26
ॐ धर्मत्राणार्थचेष्टिताय नमः।
Om Dharmatranarthacheshtitaya Namah।
27
ॐ अन्तर्यामिणे नमः।
Om Antaryamine Namah।
28
ॐ कालरूपाय नमः।
Om Kalarupaya Namah।
29
ॐ कालावयवसाक्षिकाय नमः।
Om Kalavayavasakshikaya Namah।
30
ॐ वसुधायासहरणाय नमः।
Om Vasudhayasaharanaya Namah।
31
ॐ नारदप्रेरणोन्मुखाय नमः।
Om Naradapreranonmukhaya Namah।
32
ॐ प्रभूष्णवे नमः।
Om Prabhushnave Namah।
33
ॐ नारदोद्गीताय नमः।
Om Naradodgitaya Namah।
34
ॐ लोकरक्षापरायणाय नमः।
Om Lokarakshaparayanaya Namah।
35
ॐ रौहिणेयकृतानन्दाय नमः।
Om Rauhineyakritanandaya Namah।
36
ॐ योगज्ञाननियोजकाय नमः।
Om Yogajnananiyojakaya Namah।
37
ॐ महागुहान्तर्निक्षिप्ताय नमः।
Om Mahaguhantarnikshiptaya Namah।
38
ॐ पुराणवपुषे नमः।
Om Puranavapushe Namah।
39
ॐ आत्मवते नमः।
Om Atmavate Namah।
40
ॐ शूरवंशैकधिये नमः।
Om Shuravanshaikadhiye Namah।
41
ॐ शौरये नमः।
Om Shauraye Namah।
42
ॐ कंसशङ्काविषादकृते नमः।
Om Kansashankavishadakrite Namah।
43
ॐ वसुदेवोल्लसच्छक्तये नमः।
Om Vasudevollasachchhaktaye Namah।
44
ॐ देवक्यष्टमगर्भगाय नमः।
Om Devakyashtamagarbhagaya Namah।
45
ॐ वसुदेवस्तुताय नमः।
Om Vasudevastutaya Namah।
46
ॐ श्रीमते नमः।
Om Shrimate Namah।
47
ॐ देवकीनन्दनाय नमः।
Om Devakinandanaya Namah।
48
ॐ हरये नमः।
Om Haraye Namah।
49
ॐ आश्चर्यबालाय नमः।
Om Ashcharyabalaya Namah।
50
ॐ श्रीवत्सलक्ष्मवक्षसे नमः।
Om Shrivatsalakshmavakshase Namah।
51
ॐ चतुर्भुजाय नमः।
Om Chaturbhujaya Namah।
52
ॐ स्वभावोत्कृष्टसद्भावाय नमः।
Om Svabhavotkrishtasadbhavaya Namah।
53
ॐ कृष्णाष्टम्यन्तसम्भवाय नमः।
Om Krishnashtamyantasambhavaya Namah।
54
ॐ प्राजापत्यर्क्षसम्भूताय नमः।
Om Prajapatyarkshasambhutaya Namah।
55
ॐ निशीथसमयोदिताय नमः।
Om Nishithasamayoditaya Namah।
56
ॐ शङ्खचक्रगदा नमः।
Om Shankhachakragada Namah।
57
ॐ पद्मपाणये नमः।
Om Padmapanaye Namah।
58
ॐ पद्मनिभेक्षणाय नमः।
Om Padmanibhekshanaya Namah।
59
ॐ किरीटिने नमः।
Om Kiritine Namah।
60
ॐ कौस्तुभोरस्काय नमः।
Om Kaustubhoraskaya Namah।
61
ॐ स्फुरन्मकरकुण्डलाय नमः।
Om Sphuranmakarakundalaya Namah।
62
ॐ पीतवाससे नमः।
Om Pitavasase Namah।
63
ॐ घनश्यामाय नमः।
Om Ghanashyamaya Namah।
64
ॐ कुञ्चिताञ्चितकुन्तलाय नमः।
Om Kunchitanchitakuntalaya Namah।
65
ॐ सुव्यक्तव्यक्ताभरणाय नमः।
Om Suvyaktavyaktabharanaya Namah।
66
ॐ सूतिकागृहभूषणाय नमः।
Om Sutikagrihabhushanaya Namah।
67
ॐ कारागारान्धकारघ्नाय नमः।
Om Karagarandhakaraghnaya Namah।
68
ॐ पितृप्राग्जन्मसूचकाय नमः।
Om Pitripragjanmasuchakaya Namah।
69
ॐ वसुदेवस्तुताय नमः।
Om Vasudevastutaya Namah।
70
ॐ स्तोत्राय नमः।
Om Stotraya Namah।
71
ॐ तापत्रयनिवारणाय नमः।
Om Tapatrayanivaranaya Namah।
72
ॐ निरवद्याय नमः।
Om Niravadyaya Namah।
73
ॐ क्रियामूर्तये नमः।
Om Kriyamurtaye Namah।
74
ॐ न्यायवाक्यनियोजकाय नमः।
Om Nyayavakyaniyojakaya Namah।
75
ॐ अदृष्टचेष्टाय नमः।
Om Adrishtacheshtaya Namah।
76
ॐ कूटस्थाय नमः।
Om Kutasthaya Namah।
77
ॐ धृतलौकिकविग्रहाय नमः।
Om Dhritalaukikavigrahaya Namah।
78
ॐ महर्षिमानसोल्लसाय नमः।
Om Maharshimanasollasaya Namah।
79
ॐ महीमङ्गलदायकाय नमः।
Om Mahimangaladayakaya Namah।
80
ॐ सन्तोषितसुरव्राताय नमः।
Om Santoshitasuravrataya Namah।
81
ॐ साधुचित्तप्रसादकाय नमः।
Om Sadhuchittaprasadakaya Namah।
82
ॐ जनकोपायनिर्देष्ट्रे नमः।
Om Janakopayanirdeshtre Namah।
83
ॐ देवकीनयनोत्सवाय नमः।
Om Devakinayanotsavaya Namah।
84
ॐ पितृपाणिपरिष्काराय नमः।
Om Pitripaniparishkaraya Namah।
85
ॐ मोहितागाररक्षकाय नमः।
Om Mohitagararakshakaya Namah।
86
ॐ स्वशक्त्युद्धाटिताशेषकवाटाय नमः।
Om Svashaktyuddhatitasheshakavataya Namah।
87
ॐ पितृवाहकाय नमः।
Om Pitrivahakaya Namah।
88
ॐ शेषोरगफणाच्छत्राय नमः।
Om Sheshoragaphanachchhatraya Namah।
89
ॐ शेषोक्ताख्यासहस्रकाय नमः।
Om Sheshoktakhyasahasrakaya Namah।
90
ॐ यमुनापूरविध्वंसिने नमः।
Om Yamunapuravidhvansine Namah।
91
ॐ स्वभासोद्भासितव्रजाय नमः।
Om Svabhasodbhasitavrajaya Namah।
92
ॐ कृतात्मविद्याविन्यासाय नमः।
Om Kritatmavidyavinyasaya Namah।
93
ॐ योगमायाग्रसम्भवाय नमः।
Om Yogamayagrasambhavaya Namah।
94
ॐ दुर्गानिवेदितोद्भावाय नमः।
Om Durganiveditodbhavaya Namah।
95
ॐ यशोदातल्पशायकाय नमः।
Om Yashodatalpashayakaya Namah।
96
ॐ नन्दगोपोत्सवस्फूर्तये नमः।
Om Nandagopotsavasphurtaye Namah।
97
ॐ व्रजानन्दकरोदयाय नमः।
Om Vrajanandakarodayaya Namah।
98
ॐ सुजातजातकर्मश्रिये नमः।
Om Sujatajatakarmashriye Namah।
99
ॐ गोपीभद्रोक्तिनिर्वृताय नमः।
Om Gopibhadroktinirvritaya Namah।
100
ॐ अलीकनिद्रोपगमाय नमः।
Om Alikanidropagamaya Namah।
101
ॐ पूतनास्तनपीडनाय नमः।
Om Putanastanapidanaya Namah।
102
ॐ स्तन्यात्तपूतनाप्राणाय नमः।
Om Stanyattaputanapranaya Namah।
103
ॐ पूतनाक्रोशकारकाय नमः।
Om Putanakroshakarakaya Namah।
104
ॐ विन्यस्तरक्षागोधूलये नमः।
Om Vinyastarakshagodhulaye Namah।
105
ॐ यशोदाकरलालिताय नमः।
Om Yashodakaralalitaya Namah।
106
ॐ नन्दाघ्रातशिरोमध्याय नमः।
Om Nandaghratashiromadhyaya Namah।
107
ॐ पूतनासुगतिप्रदाय नमः।
Om Putanasugatipradaya Namah।
108
ॐ बालाय नमः।
Om Balaya Namah।
109
ॐ पर्यङ्कनिद्रालवे नमः।
Om Paryankanidralave Namah।
110
ॐ मुखार्पितपदाङ्गुलये नमः।
Om Mukharpitapadangulaye Namah।
111
ॐ अञ्जनस्निग्धनयनाय नमः।
Om Anjanasnigdhanayanaya Namah।
112
ॐ पर्यायाङ्कुरितस्मिताय नमः।
Om Paryayankuritasmitaya Namah।
113
ॐ लीलाक्षाय नमः।
Om Lilakshaya Namah।
114
ॐ तरलालोकाय नमः।
Om Taralalokaya Namah।
115
ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः।
Om Shakatasurabhanjanaya Namah।
116
ॐ द्विजोदितस्वस्त्ययनाय नमः।
Om Dvijoditasvastyayanaya Namah।
117
ॐ मन्त्रपूतजलाप्लुताय नमः।
Om Mantraputajalaplutaya Namah।
118
ॐ यशोदोत्सङ्गपर्यङ्काय नमः।
Om Yashodotsangaparyankaya Namah।
119
ॐ यशोदामुखवीक्षकाय नमः।
Om Yashodamukhavikshakaya Namah।
120
ॐ यशोदास्तन्यमुदिताय नमः।
Om Yashodastanyamuditaya Namah।
121
ॐ तृणावर्तादिदुस्सहाय नमः।
Om Trinavartadidussahaya Namah।
122
ॐ तृणावर्तासुरध्वंसिने नमः।
Om Trinavartasuradhvansine Namah।
123
ॐ मातृविस्मयकारकाय नमः।
Om Matrivismayakarakaya Namah।
124
ॐ प्रशस्तनामकरणाय नमः।
Om Prashastanamakaranaya Namah।
125
ॐ जानुचङ्क्रमणोत्सुकाय नमः।
Om Januchankramanotsukaya Namah।
126
ॐ व्यालम्बिचूलिकारत्नाय नमः।
Om Vyalambichulikaratnaya Namah।
127
ॐ घोषगोपप्रहर्षणाय नमः।
Om Ghoshagopapraharshanaya Namah।
128
ॐ स्वमुखप्रतिबिम्बार्थिने नमः।
Om Svamukhapratibimbarthine Namah।
129
ॐ ग्रीवाव्याघ्रनखोज्ज्वलाय नमः।
Om Grivavyaghranakhojjvalaya Namah।
130
ॐ पङ्कानुलेपरुचिराय नमः।
Om Pankanuleparuchiraya Namah।
131
ॐ मांसलोरुकटीतटाय नमः।
Om Mansalorukatitataya Namah।
132
ॐ घृष्टजानुकरद्वन्द्वाय नमः।
Om Ghrishtajanukaradvandvaya Namah।
133
ॐ प्रतिबिम्बानुकारकृते नमः।
Om Pratibimbanukarakrite Namah।
134
ॐ अव्यक्तवर्णवाग्वृत्तये नमः।
Om Avyaktavarnavagvrittaye Namah।
135
ॐ चङ्क्रमाय नमः।
Om Chankramaya Namah।
136
ॐ अनुरूपवयस्याढ्याय नमः।
Om Anurupavayasyadhyaya Namah।
137
ॐ चारुकौमारचापलाय नमः।
Om Charukaumarachapalaya Namah।
138
ॐ वत्सपुच्छसमाकृष्टाय नमः।
Om Vatsapuchchhasamakrishtaya Namah।
139
ॐ वत्सपुच्छविकर्षणाय नमः।
Om Vatsapuchchhavikarshanaya Namah।
140
ॐ विस्मारितान्यव्यापाराय नमः।
Om Vismaritanyavyaparaya Namah।
141
ॐ गोपगोपीमुदावहाय नमः।
Om Gopagopimudavahaya Namah।
142
ॐ अकालवत्सनिर्मोक्त्रे नमः।
Om Akalavatsanirmoktre Namah।
143
ॐ वज्रव्याक्रोशसुस्मिताय नमः।
Om Vajravyakroshasusmitaya Namah।
144
ॐ नवनीतमहाचोराय नमः।
Om Navanitamahachoraya Namah।
145
ॐ दारकाहारदायकाय नमः।
Om Darakaharadayakaya Namah।
146
ॐ पीठोलूखलसोपानाय नमः।
Om Pitholukhalasopanaya Namah।
147
ॐ क्षीरभाण्डविभेदनाय नमः।
Om Kshirabhandavibhedanaya Namah।
148
ॐ शिक्यभाण्डसमाकर्षिणे नमः।
Om Shikyabhandasamakarshine Namah।
149
ॐ ध्वान्तागारप्रवेशकृते नमः।
Om Dhvantagarapraveshakrite Namah।
150
ॐ भूषारत्नप्रकाशाढ्याय नमः।
Om Bhusharatnaprakashadhyaya Namah।
151
ॐ गोप्युपालम्भभर्त्सिताय नमः।
Om Gopyupalambhabhartsitaya Namah।
152
ॐ परागधूसराकाराय नमः।
Om Paragadhusarakaraya Namah।
153
ॐ मृद्भक्षणकृतेक्षणाय नमः।
Om Mridbhakshanakritekshanaya Namah।
154
ॐ बालोक्तमृत्कथारम्भाय नमः।
Om Baloktamritkatharambhaya Namah।
155
ॐ मित्रान्तर्गूढविग्रहाय नमः।
Om Mitrantargudhavigrahaya Namah।
156
ॐ कृतसन्त्रासलोलाक्षाय नमः।
Om Kritasantrasalolakshaya Namah।
157
ॐ जननीप्रत्ययावहाय नमः।
Om Jananipratyayavahaya Namah।
158
ॐ मातृदृश्यात्तवदनाय नमः।
Om Matridrishyattavadanaya Namah।
159
ॐ वक्त्रलक्ष्यचराचराय नमः।
Om Vaktralakshyacharacharaya Namah।
160
ॐ यशोदालालितस्वात्मने नमः।
Om Yashodalalitasvatmane Namah।
161
ॐ स्वयं स्वाच्छन्द्यमोहनाय नमः।
Om Svayam Svachchhandyamohanaya Namah।
162
ॐ सवित्रीस्नेहसंश्लिष्टाय नमः।
Om Savitrisnehasanshlishtaya Namah।
163
ॐ सवित्रीस्तनलोपाय नमः।
Om Savitristanalopaya Namah।
164
ॐ नवनीतार्थनाप्रह्वाय नमः।
Om Navanitarthanaprahvaya Namah।
165
ॐ नवनीतमहाशनाय नमः।
Om Navanitamahashanaya Namah।
166
ॐ मृषाकोपप्रकम्पोष्ठाय नमः।
Om Mrishakopaprakamposhthaya Namah।
167
ॐ गोष्ठाङ्गणविलोकनाय नमः।
Om Goshthanganavilokanaya Namah।
168
ॐ दधिमन्थघटीभेत्त्रे नमः।
Om Dadhimanthaghatibhettre Namah।
169
ॐ किङ्किणीक्वाणसूचिताय नमः।
Om Kinkinikvanasuchitaya Namah।
170
ॐ हैयङ्गवीनासिकाय नमः।
Om Haiyangavinasikaya Namah।
171
ॐ मृषाश्रवे नमः।
Om Mrishashrave Namah।
172
ॐ चौर्यशङ्किताय नमः।
Om Chauryashankitaya Namah।
173
ॐ जननीश्रमविज्ञात्रे नमः।
Om Jananishramavijnatre Namah।
174
ॐ दामबन्धनियन्त्रिताय नमः।
Om Damabandhaniyantritaya Namah।
175
ॐ दामाकल्पाय नमः।
Om Damakalpaya Namah।
176
ॐ चलापाङ्गाय नमः।
Om Chalapangaya Namah।
177
ॐ गाढोलूखलबन्धनाय नमः।
Om Gadholukhalabandhanaya Namah।
178
ॐ आकृष्टोलूखलाय नमः।
Om Akrishtolukhalaya Namah।
179
ॐ अनन्ताय नमः।
Om Anantaya Namah।
180
ॐ कुबेरसुतशापविदे नमः।
Om Kuberasutashapavide Namah।
181
ॐ नारदोक्तिपरामर्शिने नमः।
Om Naradoktiparamarshine Namah।
182
ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः।
Om Yamalarjunabhanjanaya Namah।
183
ॐ धनदात्मजसङ्घुष्टाय नमः।
Om Dhanadatmajasanghushtaya Namah।
184
ॐ नन्दमोचितबन्धनाय नमः।
Om Nandamochitabandhanaya Namah।
185
ॐ बालकोद्गीतनिरताय नमः।
Om Balakodgitanirataya Namah।
186
ॐ बाहुक्षेपोदितप्रियाय नमः।
Om Bahukshepoditapriyaya Namah।
187
ॐ आत्मज्ञाय नमः।
Om Atmajnaya Namah।
188
ॐ मित्रवश्याय नमः।
Om Mitravashyaya Namah।
189
ॐ गोपीगीतगुणोदयाय नमः।
Om Gopigitagunodayaya Namah।
190
ॐ प्रस्थानशकटारूढाय नमः।
Om Prasthanashakatarudhaya Namah।
191
ॐ वृन्दावनकृतालयाय नमः।
Om Vrindavanakritalayaya Namah।
192
ॐ गोवत्सपालनैकाग्राय नमः।
Om Govatsapalanaikagraya Namah।
193
ॐ नानाक्रीडापरिच्छदाय नमः।
Om Nanakridaparichchhadaya Namah।
194
ॐ क्षेपणीक्षेपणप्रीताय नमः।
Om Kshepanikshepanapritaya Namah।
195
ॐ वेणुवाद्यविशारदाय नमः।
Om Venuvadyavisharadaya Namah।
196
ॐ वृषवत्सानुकरणाय नमः।
Om Vrishavatsanukaranaya Namah।
197
ॐ वृषध्वानविडम्बनाय नमः।
Om Vrishadhvanavidambanaya Namah।
198
ॐ नियुद्धलीलासंहृष्टाय नमः।
Om Niyuddhalilasanhrishtaya Namah।
199
ॐ कूजानुकृतकोकिलाय नमः।
Om Kujanukritakokilaya Namah।
200
ॐ उपात्तहंसगमनाय नमः।
Om Upattahansagamanaya Namah।
201
ॐ सर्वजन्तुरुतानुकृते नमः।
Om Sarvajanturutanukrite Namah।
202
ॐ भृङ्गानुकारिणे नमः।
Om Bhringanukarine Namah।
203
ॐ दध्यन्नचोराय नमः।
Om Dadhyannachoraya Namah।
204
ॐ वत्सपुरस्सराय नमः।
Om Vatsapurassaraya Namah।
205
ॐ बलिने नमः।
Om Baline Namah।
206
ॐ बकासुरग्राहिणे नमः।
Om Bakasuragrahine Namah।
207
ॐ बकतालुप्रदाहकाय नमः।
Om Bakatalupradahakaya Namah।
208
ॐ भीतगोपार्भकाहूताय नमः।
Om Bhitagoparbhakahutaya Namah।
209
ॐ बकचञ्चुविदारणाय नमः।
Om Bakachanchuvidaranaya Namah।
210
ॐ बकासुरारये नमः।
Om Bakasuraraye Namah।
211
ॐ गोपालाय नमः।
Om Gopalaya Namah।
212
ॐ बालाय नमः।
Om Balaya Namah।
213
ॐ बालाद्भुतावहाय नमः।
Om Baladbhutavahaya Namah।
214
ॐ बलभद्रसमाश्लिष्टाय नमः।
Om Balabhadrasamashlishtaya Namah।
215
ॐ कृतक्रीडानिलायनाय नमः।
Om Kritakridanilayanaya Namah।
216
ॐ क्रीडासेतुविधानज्ञाय नमः।
Om Kridasetuvidhanajnaya Namah।
217
ॐ प्लवङ्गोत्प्लवनाय नमः।
Om Plavangotplavanaya Namah।
218
ॐ अद्भुताय नमः।
Om Adbhutaya Namah।
219
ॐ कन्दुकक्रीडनाय नमः।
Om Kandukakridanaya Namah।
220
ॐ लुप्तनन्दादिभववेदनाय नमः।
Om Luptanandadibhavavedanaya Namah।
221
ॐ सुमनोऽलङ्कृतशिरसे नमः।
Om Sumano’lankritashirase Namah।
222
ॐ स्वादुस्निग्धान्नशिक्यभृते नमः।
Om Svadusnigdhannashikyabhrite Namah।
223
ॐ गुञ्जाप्रालम्बनच्छन्नाय नमः।
Om Gunjapralambanachchhannaya Namah।
224
ॐ पिञ्छैरलकवेषकृते नमः।
Om Pinchhairalakaveshakrite Namah।
225
ॐ वन्याशनप्रियाय नमः।
Om Vanyashanapriyaya Namah।
226
ॐ शृङ्गरवाकारितवत्सकाय नमः।
Om Shringaravakaritavatsakaya Namah।
227
ॐ मनोज्ञपल्लवोत्तंसपुष्पस्वेच्छात्तषट्पदाय नमः।
Om Manojnapallavottansapushpasvechchhattashatpadaya Namah।
228
ॐ मञ्जुशिञ्जितमञ्जीरचरणाय नमः।
Om Manjushinjitamanjiracharanaya Namah।
229
ॐ करकङ्कणाय नमः।
Om Karakankanaya Namah।
230
ॐ अन्योन्यशासनाय नमः।
Om Anyonyashasanaya Namah।
231
ॐ क्रीडापटवे नमः।
Om Kridapatave Namah।
232
ॐ परमकैतवाय नमः।
Om Paramakaitavaya Namah।
233
ॐ प्रतिध्वानप्रमुदिताय नमः।
Om Pratidhvanapramuditaya Namah।
234
ॐ शाखाचतुरचङ्क्रमाय नमः।
Om Shakhachaturachankramaya Namah।
235
ॐ अघदानवसंहर्त्रे नमः।
Om Aghadanavasanhartre Namah।
236
ॐ वज्रविघ्नविनाशनाय नमः।
Om Vajravighnavinashanaya Namah।
237
ॐ व्रजसञ्जीवनाय नमः।
Om Vrajasanjivanaya Namah।
238
ॐ श्रेयोनिधये नमः।
Om Shreyonidhaye Namah।
239
ॐ दानवमुक्तिदाय नमः।
Om Danavamuktidaya Namah।
240
ॐ कालिन्दीपुलिनासीनाय नमः।
Om Kalindipulinasinaya Namah।
241
ॐ सहभुक्तव्रजार्भकाय नमः।
Om Sahabhuktavrajarbhakaya Namah।
242
ॐ कक्षाजठरविन्यस्तवेणवे नमः।
Om Kakshajatharavinyastavenave Namah।
243
ॐ वल्लवचेष्टिताय नमः।
Om Vallavacheshtitaya Namah।
244
ॐ भुजसन्ध्यन्तरन्यस्तशृङ्गवेत्राय नमः।
Om Bhujasandhyantaranyastashringavetraya Namah।
245
ॐ शुचिस्मिताय नमः।
Om Shuchismitaya Namah।
246
ॐ वामपाणिस्थदध्यन्नकबलाय नमः।
Om Vamapanisthadadhyannakabalaya Namah।
247
ॐ कलभाषणाय नमः।
Om Kalabhashanaya Namah।
248
ॐ अङ्गुल्यन्तरविन्यस्तफलाय नमः।
Om Angulyantaravinyastaphalaya Namah।
249
ॐ परमपावनाय नमः।
Om Paramapavanaya Namah।
250
ॐ अदृश्यतर्णकान्वेषिणे नमः।
Om Adrishyatarnakanveshine Namah।
251
ॐ वल्लवार्भकभीतिघ्ने नमः।
Om Vallavarbhakabhitighne Namah।
252
ॐ अदृष्टवत्सपव्राताय नमः।
Om Adrishtavatsapavrataya Namah।
253
ॐ ब्रह्मविज्ञातवैभवाय नमः।
Om Brahmavijnatavaibhavaya Namah।
254
ॐ गोवत्सवत्सपान्वेषिणे नमः।
Om Govatsavatsapanveshine Namah।
255
ॐ विराट्पुरुषविग्रहाय नमः।
Om Viratpurushavigrahaya Namah।
256
ॐ स्वसङ्कल्पानुरूपार्थवत्सवत्सपरूपधृते नमः।
Om Svasankalpanuruparthavatsavatsaparupadhrite Namah।
257
ॐ यथावत्सक्रियारूपाय नमः।
Om Yathavatsakriyarupaya Namah।
258
ॐ यथास्थाननिवेशनाय नमः।
Om Yathasthananiveshanaya Namah।
259
ॐ यथाव्रजार्भकाकाराय नमः।
Om Yathavrajarbhakakaraya Namah।
260
ॐ गोगोपीस्तन्यपाय नमः।
Om Gogopistanyapaya Namah।
261
ॐ सुखिने नमः।
Om Sukhine Namah।
262
ॐ चिराद्बलोहिताय नमः।
Om Chiradbalohitaya Namah।
263
ॐ दान्ताय नमः।
Om Dantaya Namah।
264
ॐ ब्रह्मविज्ञातवैभवाय नमः।
Om Brahmavijnatavaibhavaya Namah।
265
ॐ विचित्रशक्तये नमः।
Om Vichitrashaktaye Namah।
266
ॐ व्यालीनसृष्टगोवत्सवत्सपाय नमः।
Om Vyalinasrishtagovatsavatsapaya Namah।
267
ॐ धातृस्तुताय नमः।
Om Dhatristutaya Namah।
268
ॐ सर्वार्थसाधकाय नमः।
Om Sarvarthasadhakaya Namah।
269
ॐ ब्रह्मणे नमः।
Om Brahmane Namah।
270
ॐ ब्रह्ममयाय नमः।
Om Brahmamayaya Namah।
271
ॐ अव्यक्ताय नमः।
Om Avyaktaya Namah।
272
ॐ तेजोरूपाय नमः।
Om Tejorupaya Namah।
273
ॐ सुखात्मकाय नमः।
Om Sukhatmakaya Namah।
274
ॐ निरुक्ताय नमः।
Om Niruktaya Namah।
275
ॐ व्याकृतये नमः।
Om Vyakritaye Namah।
276
ॐ व्यक्ताय नमः।
Om Vyaktaya Namah।
277
ॐ निरालम्बनभावनाय नमः।
Om Niralambanabhavanaya Namah।
278
ॐ प्रभविष्णवे नमः।
Om Prabhavishnave Namah।
279
ॐ अतन्त्रीकाय नमः।
Om Atantrikaya Namah।
280
ॐ देवपक्षार्थरूपधृते नमः।
Om Devapakshartharupadhrite Namah।
281
ॐ अकामाय नमः।
Om Akamaya Namah।
282
ॐ सर्ववेदादये नमः।
Om Sarvavedadaye Namah।
283
ॐ अणीयसे नमः।
Om Aniyase Namah।
284
ॐ स्थूलरूपवते नमः।
Om Sthularupavate Namah।
285
ॐ व्यापिने नमः।
Om Vyapine Namah।
286
ॐ व्याप्याय नमः।
Om Vyapyaya Namah।
287
ॐ कृपाकर्त्रे नमः।
Om Kripakartre Namah।
288
ॐ विचित्राचारसम्मताय नमः।
Om Vichitracharasammataya Namah।
289
ॐ छन्दोमयाय नमः।
Om Chhandomayaya Namah।
290
ॐ प्रधानात्मने नमः।
Om Pradhanatmane Namah।
291
ॐ मूर्तामूर्तद्वयाकृतये नमः।
Om Murtamurtadvayakritaye Namah।
292
ॐ अनेकमूर्तये नमः।
Om Anekamurtaye Namah।
293
ॐ अक्रोधाय नमः।
Om Akrodhaya Namah।
294
ॐ परस्मै नमः।
Om Parasmai Namah।
295
ॐ प्रकृतये नमः।
Om Prakritaye Namah।
296
ॐ अक्रमाय नमः।
Om Akramaya Namah।
297
ॐ सकलावरणोपेताय नमः।
Om Sakalavaranopetaya Namah।
298
ॐ सर्वदेवाय नमः।
Om Sarvadevaya Namah।
299
ॐ महेश्वराय नमः।
Om Maheshvaraya Namah।
300
ॐ महाप्रभावनाय नमः।
Om Mahaprabhavanaya Namah।
301
ॐ पूर्ववत्सवत्सपदर्शकाय नमः।
Om Purvavatsavatsapadarshakaya Namah।
302
ॐ कृष्णयादवगोपालाय नमः।
Om Krishnayadavagopalaya Namah।
303
ॐ गोपालोकनहर्षिताय नमः।
Om Gopalokanaharshitaya Namah।
304
ॐ स्मितेक्षाहर्षितब्रह्मणे नमः।
Om Smitekshaharshitabrahmane Namah।
305
ॐ भक्तवत्सलवाक्प्रियाय नमः।
Om Bhaktavatsalavakpriyaya Namah।
306
ॐ ब्रह्मानन्दाश्रुधौताङ्घ्रये नमः।
Om Brahmanandashrudhautanghraye Namah।
307
ॐ लीलावैचित्र्यकोविदाय नमः।
Om Lilavaichitryakovidaya Namah।
308
ॐ बलभद्रैकहृदयाय नमः।
Om Balabhadraikahridayaya Namah।
309
ॐ नामाकारितगोकुलाय नमः।
Om Namakaritagokulaya Namah।
310
ॐ गोपालबालकाय नमः।
Om Gopalabalakaya Namah।
311
ॐ भव्याय नमः।
Om Bhavyaya Namah।
312
ॐ रज्जुयज्ञेपवीतवते नमः।
Om Rajjuyajnepavitavate Namah।
313
ॐ वृक्षच्छायाहताशान्तये नमः।
Om Vrikshachchhayahatashantaye Namah।
314
ॐ गोपोत्सङ्गोपबर्हिणाय नमः।
Om Gopotsangopabarhinaya Namah।
315
ॐ गोपसंवाहितपदाय नमः।
Om Gopasamvahitapadaya Namah।
316
ॐ गोपव्यजनवीजिताय नमः।
Om Gopavyajanavijitaya Namah।
317
ॐ गोपगानसुखोन्निद्राय नमः।
Om Gopaganasukhonnidraya Namah।
318
ॐ श्रीदामार्जितसौहृदाय नमः।
Om Shridamarjitasauhridaya Namah।
319
ॐ सुनन्दसुहृदे नमः।
Om Sunandasuhride Namah।
320
ॐ एकात्मने नमः।
Om Ekatmane Namah।
321
ॐ सुबलप्राणरञ्जनाय नमः।
Om Subalapranaranjanaya Namah।
322
ॐ तालीवनकृतक्रीडाय नमः।
Om Talivanakritakridaya Namah।
323
ॐ बलपातितधेनुकाय नमः।
Om Balapatitadhenukaya Namah।
324
ॐ गोपीसौभाग्यसम्भाव्याय नमः।
Om Gopisaubhagyasambhavyaya Namah।
325
ॐ गोधूलिच्छुरितालकाय नमः।
Om Godhulichchhuritalakaya Namah।
326
ॐ गोपीविरहसन्तप्ताय नमः।
Om Gopivirahasantaptaya Namah।
327
ॐ गोपिकाकृतमज्जनाय नमः।
Om Gopikakritamajjanaya Namah।
328
ॐ प्रलम्बबाहवे नमः।
Om Pralambabahave Namah।
329
ॐ उत्फुल्लपुण्डरीकावतंसकाय नमः।
Om Utphullapundarikavatansakaya Namah।
330
ॐ विलासललितस्मेरगर्भलीलावलोकनाय नमः।
Om Vilasalalitasmeragarbhalilavalokanaya Namah।
331
ॐ स्रग्भूषणानुलेपाढ्याय नमः।
Om Sragbhushananulepadhyaya Namah।
332
ॐ जनन्युपहृतान्नभुजे नमः।
Om Jananyupahritannabhuje Namah।
333
ॐ वरशय्याशयाय नमः।
Om Varashayyashayaya Namah।
334
ॐ राधाप्रेमसल्लापनिर्वृताय नमः।
Om Radhapremasallapanirvritaya Namah।
335
ॐ यमुनातटसञ्चारिणे नमः।
Om Yamunatatasancharine Namah।
336
ॐ विषार्तव्रजहर्षदाय नमः।
Om Vishartavrajaharshadaya Namah।
337
ॐ कालियक्रोधजनकाय नमः।
Om Kaliyakrodhajanakaya Namah।
338
ॐ वृद्धाहिकुलवेष्टिताय नमः।
Om Vriddhahikulaveshtitaya Namah।
339
ॐ कालियाहिफणारङ्गनटाय नमः।
Om Kaliyahiphanaranganataya Namah।
340
ॐ कालियमर्दनाय नमः।
Om Kaliyamardanaya Namah।
341
ॐ नागपत्नीस्तुतिप्रीताय नमः।
Om Nagapatnistutipritaya Namah।
342
ॐ नानावेषसमृद्धिकृते नमः।
Om Nanaveshasanriddhikrite Namah।
343
ॐ अविष्वक्तदृशे नमः।
Om Avishvaktadrishe Namah।
344
ॐ आत्मेशाय नमः।
Om Atmeshaya Namah।
345
ॐ स्वदृशे नमः।
Om Svadrishe Namah।
346
ॐ आत्मस्तुतिप्रियाय नमः।
Om Atmastutipriyaya Namah।
347
ॐ सर्वेश्वराय नमः।
Om Sarveshvaraya Namah।
348
ॐ सर्वगुणाय नमः।
Om Sarvagunaya Namah।
349
ॐ प्रसिद्धाय नमः।
Om Prasiddhaya Namah।
350
ॐ सर्वसात्वताय नमः।
Om Sarvasatvataya Namah।
351
ॐ अकुण्ठधाम्ने नमः।
Om Akunthadhamne Namah।
352
ॐ चन्द्रार्कदृष्टये नमः।
Om Chandrarkadrishtaye Namah।
353
ॐ आकाशनिर्मलाय नमः।
Om Akashanirmalaya Namah।
354
ॐ अनिर्देश्यगतये नमः।
Om Anirdeshyagataye Namah।
355
ॐ नागवनितापतिभैक्षदाय नमः।
Om Nagavanitapatibhaikshadaya Namah।
356
ॐ स्वाङ्घ्रिमुद्राङ्कनागेन्द्रमूर्ध्ने नमः।
Om Svanghrimudrankanagendramurdhne Namah।
357
ॐ कालियसंस्तुताय नमः।
Om Kaliyasanstutaya Namah।
358
ॐ अभयाय नमः।
Om Abhayaya Namah।
359
ॐ विश्वतश्चक्षुषे नमः।
Om Vishvatashchakshushe Namah।
360
ॐ स्तुतोत्तमगुणाय नमः।
Om Stutottamagunaya Namah।
361
ॐ प्रभवे नमः।
Om Prabhave Namah।
362
ॐ मह्यम् नमः।
Om Mahyam Namah।
363
ॐ आत्मने नमः।
Om Atmane Namah।
364
ॐ मरुते नमः।
Om Marute Namah।
365
ॐ प्राणाय नमः।
Om Pranaya Namah।
366
ॐ परमात्मने नमः।
Om Paramatmane Namah।
367
ॐ द्युशीर्षवते नमः।
Om Dyushirshavate Namah।
368
ॐ नागोपायनहृष्टात्मने नमः।
Om Nagopayanahrishtatmane Namah।
369
ॐ हृदोत्सारितकालियाय नमः।
Om Hridotsaritakaliyaya Namah।
370
ॐ बलभद्रसुखालापाय नमः।
Om Balabhadrasukhalapaya Namah।
371
ॐ गोपालिङ्गननिर्वृताय नमः।
Om Gopalingananirvritaya Namah।
372
ॐ दावाग्निभीतगोपालगोप्त्रे नमः।
Om Davagnibhitagopalagoptre Namah।
373
ॐ दावाग्निनाशनाय नमः।
Om Davagninashanaya Namah।
374
ॐ नयनाच्छादनक्रीडालम्पटाय नमः।
Om Nayanachchhadanakridalampataya Namah।
375
ॐ नृपचेष्टिताय नमः।
Om Nripacheshtitaya Namah।
376
ॐ काकपक्षधराय नमः।
Om Kakapakshadharaya Namah।
377
ॐ सौम्याय नमः।
Om Saumyaya Namah।
378
ॐ बलवाहककेलिमते नमः।
Om Balavahakakelimate Namah।
379
ॐ बलघातितदुर्धर्षप्रलम्बाय नमः।
Om Balaghatitadurdharshapralambaya Namah।
380
ॐ बलवत्सलाय नमः।
Om Balavatsalaya Namah।
381
ॐ मुञ्जाटव्यग्निशमनाय नमः।
Om Munjatavyagnishamanaya Namah।
382
ॐ प्रावृट्कालविनोदवते नमः।
Om Pravritkalavinodavate Namah।
383
ॐ शिलान्यस्तान्नभृते नमः।
Om Shilanyastannabhrite Namah।
384
ॐ दैत्यसंहर्त्रे नमः।
Om Daityasanhartre Namah।
385
ॐ शाद्वलासनाय नमः।
Om Shadvalasanaya Namah।
386
ॐ सदाप्तगोपिकोद्गीताय नमः।
Om Sadaptagopikodgitaya Namah।
387
ॐ कर्णिकारावतंसकाय नमः।
Om Karnikaravatansakaya Namah।
388
ॐ नटवेषधराय नमः।
Om Nataveshadharaya Namah।
389
ॐ पद्ममालाङ्काय नमः।
Om Padmamalankaya Namah।
390
ॐ गोपिकावृताय नमः।
Om Gopikavritaya Namah।
391
ॐ गोपीमनोहरापाङ्गाय नमः।
Om Gopimanoharapangaya Namah।
392
ॐ वेणुवादनतत्पराय नमः।
Om Venuvadanatatparaya Namah।
393
ॐ विन्यस्तवदनाम्भोजाय नमः।
Om Vinyastavadanambhojaya Namah।
394
ॐ चारुशब्दकृताननाय नमः।
Om Charushabdakritananaya Namah।
395
ॐ बिम्बाधरार्पितोदारवेणवे नमः।
Om Bimbadhararpitodaravenave Namah।
396
ॐ विश्वविमोहनाय नमः।
Om Vishvavimohanaya Namah।
397
ॐ व्रजसंवर्णिताय नमः।
Om Vrajasamvarnitaya Namah।
398
ॐ श्राव्यवेणुनादाय नमः।
Om Shravyavenunadaya Namah।
399
ॐ श्रुतिप्रियाय नमः।
Om Shrutipriyaya Namah।
400
ॐ गोगोपगोपीजन्मेप्सु ब्रह्मेन्द्राद्यभिवन्दिताय नमः।
Om Gogopagopijanmepsu Brahmendradyabhivanditaya Namah।
401
ॐ गीतस्रुतिसरित्पूराय नमः।
Om Gitasrutisaritpuraya Namah।
402
ॐ नादनर्तितबर्हिणाय नमः।
Om Nadanartitabarhinaya Namah।
403
ॐ रागपल्लवितस्थाणवे नमः।
Om Ragapallavitasthanave Namah।
404
ॐ गीतानमितपादपाय नमः।
Om Gitanamitapadapaya Namah।
405
ॐ विस्मारिततृणग्रासमृगाय नमः।
Om Vismaritatrinagrasanrigaya Namah।
406
ॐ मृगविलोभिताय नमः।
Om Nrigavilobhitaya Namah।
407
ॐ व्याघ्रादिहिंस्रसहजवैरहर्त्रे नमः।
Om Vyaghradihinsrasahajavairahartre Namah।
408
ॐ सुगायनाय नमः।
Om Sugayanaya Namah।
409
ॐ गाढोदीरितगोवृन्द नमः।
Om Gadhodiritagovrinda Namah।
410
ॐ प्रेमोत्कर्णिततर्णकाय नमः।
Om Premotkarnitatarnakaya Namah।
411
ॐ निष्पन्दयानब्रह्मादिवीक्षिताय नमः।
Om Nishpandayanabrahmadivikshitaya Namah।
412
ॐ विश्ववन्दिताय नमः।
Om Vishvavanditaya Namah।
413
ॐ शाखोत्कर्णशकुन्तौघाय नमः।
Om Shakhotkarnashakuntaughaya Namah।
414
ॐ छत्रायितबलाहकाय नमः।
Om Chhatrayitabalahakaya Namah।
415
ॐ प्रसन्नाय नमः।
Om Prasannaya Namah।
416
ॐ परमानन्दाय नमः।
Om Paramanandaya Namah।
417
ॐ चित्रायितचराचराय नमः।
Om Chitrayitacharacharaya Namah।
418
ॐ गोपिकामदनाय नमः।
Om Gopikamadanaya Namah।
419
ॐ गोपीकुचकुङ्कुममुद्रिताय नमः।
Om Gopikuchakunkumamudritaya Namah।
420
ॐ गोपकन्याजलक्रीडाहृष्टाय नमः।
Om Gopakanyajalakridahrishtaya Namah।
421
ॐ गोप्यंशुकापहृते नमः।
Om Gopyanshukapahrite Namah।
422
ॐ स्कन्धारोपितगोपस्त्रीवाससे नमः।
Om Skandharopitagopastrivasase Namah।
423
ॐ कुन्दनिभस्मिताय नमः।
Om Kundanibhasmitaya Namah।
424
ॐ गोपीनेत्रोत्पलशशिने नमः।
Om Gopinetrotpalashashine Namah।
425
ॐ गोपिकायाचितांशुकाय नमः।
Om Gopikayachitanshukaya Namah।
426
ॐ गोपीनमस्किरयादेष्ट्रे नमः।
Om Gopinamaskirayadeshtre Namah।
427
ॐ गोप्येककरवन्दिताय नमः।
Om Gopyekakaravanditaya Namah।
428
ॐ गोप्यञ्जलिविशेषार्थिने नमः।
Om Gopyanjalivishesharthine Namah।
429
ॐ गोपीक्रीडाविलोभिताय नमः।
Om Gopikridavilobhitaya Namah।
430
ॐ शान्तवासस्फुरद्गोपीकृताञ्जलये नमः।
Om Shantavasasphuradgopikritanjalaye Namah।
431
ॐ अघापहाय नमः।
Om Aghapahaya Namah।
432
ॐ गोपीकेलिविलासार्थिने नमः।
Om Gopikelivilasarthine Namah।
433
ॐ गोपीसम्पूर्णकामदाय नमः।
Om Gopisampurnakamadaya Namah।
434
ॐ गोपस्त्रीवस्त्रदाय नमः।
Om Gopastrivastradaya Namah।
435
ॐ गोपीचित्तचोराय नमः।
Om Gopichittachoraya Namah।
436
ॐ कुतूहलिने नमः।
Om Kutuhaline Namah।
437
ॐ वृन्दावनप्रियाय नमः।
Om Vrindavanapriyaya Namah।
438
ॐ गोपबन्धवे नमः।
Om Gopabandhave Namah।
439
ॐ यज्वान्नयाचित्रे नमः।
Om Yajvannayachitre Namah।
440
ॐ यज्ञेशाय नमः।
Om Yajneshaya Namah।
441
ॐ यज्ञभावज्ञाय नमः।
Om Yajnabhavajnaya Namah।
442
ॐ यज्ञपत्न्यभिवाञ्छिताय नमः।
Om Yajnapatnyabhivanchhitaya Namah।
443
ॐ मुनिपत्नीवितीर्णान्नतृप्ताय नमः।
Om Munipatnivitirnannatriptaya Namah।
444
ॐ मुनिवधूप्रियाय नमः।
Om Munivadhupriyaya Namah।
445
ॐ द्विजपत्न्यभिभावज्ञाय नमः।
Om Dvijapatnyabhibhavajnaya Namah।
446
ॐ द्विजपत्नीवरप्रदाय नमः।
Om Dvijapatnivarapradaya Namah।
447
ॐ प्रतिरुद्धसतीमोक्षप्रदाय नमः।
Om Pratiruddhasatimokshapradaya Namah।
448
ॐ द्विजविमोहित्रे नमः।
Om Dvijavimohitre Namah।
449
ॐ मुनिज्ञानप्रदाय नमः।
Om Munijnanapradaya Namah।
450
ॐ यज्वस्तुताय नमः।
Om Yajvastutaya Namah।
451
ॐ वासवयागविदे नमः।
Om Vasavayagavide Namah।
452
ॐ पितृप्रोक्तक्रियारूपशक्रयागनिवारणाय नमः।
Om Pitriproktakriyarupashakrayaganivaranaya Namah।
453
ॐ शक्रामर्षकराय नमः।
Om Shakramarshakaraya Namah।
454
ॐ शक्रवृष्टिप्रशमनोन्मुखाय नमः।
Om Shakravrishtiprashamanonmukhaya Namah।
455
ॐ गोवर्धनधराय नमः।
Om Govardhanadharaya Namah।
456
ॐ गोपगोवृन्दत्राणतत्पराय नमः।
Om Gopagovrindatranatatparaya Namah।
457
ॐ गोवर्धनगिरिच्छात्रचण्डदण्डभुजार्गलाय नमः।
Om Govardhanagirichchhatrachandadandabhujargalaya Namah।
458
ॐ सप्ताहविधृताद्रीन्द्राय नमः।
Om Saptahavidhritadrindraya Namah।
459
ॐ मेघवाहनगर्वघ्ने नमः।
Om Meghavahanagarvaghne Namah।
460
ॐ भुजाग्रोपरिविन्यस्तक्ष्माधरक्ष्माभृते नमः।
Om Bhujagroparivinyastakshmadharakshmabhrite Namah।
461
ॐ अच्युताय नमः।
Om Achyutaya Namah।
462
ॐ स्वस्थानस्थापितगिरये नमः।
Om Svasthanasthapitagiraye Namah।
463
ॐ गोपीदध्यक्षतार्चिताय नमः।
Om Gopidadhyakshatarchitaya Namah।
464
ॐ सुमनसे नमः।
Om Sumanase Namah।
465
ॐ सुमनोवृष्टिहृष्टाय नमः।
Om Sumanovrishtihrishtaya Namah।
466
ॐ वासववन्दिताय नमः।
Om Vasavavanditaya Namah।
467
ॐ कामधेनुपयःपूराभिषिक्ताय नमः।
Om Kamadhenupayahpurabhishiktaya Namah।
468
ॐ सुरभिस्तुताय नमः।
Om Surabhistutaya Namah।
469
ॐ धराङ्घ्रये नमः।
Om Dharanghraye Namah।
470
ॐ ओषधीरोम्णे नमः।
Om Oshadhiromne Namah।
471
ॐ धर्मगोप्त्रे नमः।
Om Dharmagoptre Namah।
472
ॐ मनोमयाय नमः।
Om Manomayaya Namah।
473
ॐ ज्ञानयज्ञप्रियाय नमः।
Om Jnanayajnapriyaya Namah।
474
ॐ शास्त्रनेत्राय नमः।
Om Shastranetraya Namah।
475
ॐ सर्वार्थसारथये नमः।
Om Sarvarthasarathaye Namah।
476
ॐ ऐरावतकरानीतवियद्गङ्गाप्लुताय नमः।
Om Airavatakaranitaviyadgangaplutaya Namah।
477
ॐ विभवे नमः।
Om Vibhave Namah।
478
ॐ ब्रह्माभिषिक्ताय नमः।
Om Brahmabhishiktaya Namah।
479
ॐ गोगोप्त्रे नमः।
Om Gogoptre Namah।
480
ॐ सर्वलोकशुभङ्कराय नमः।
Om Sarvalokashubhankaraya Namah।
481
ॐ सर्ववेदमयाय नमः।
Om Sarvavedamayaya Namah।
482
ॐ मग्ननन्दान्वेषिणे नमः।
Om Magnanandanveshine Namah।
483
ॐ पितृप्रियाय नमः।
Om Pitripriyaya Namah।
484
ॐ वरुणोदीरितात्मेक्षाकौतुकाय नमः।
Om Varunodiritatmekshakautukaya Namah।
485
ॐ वरुणार्चिताय नमः।
Om Varunarchitaya Namah।
486
ॐ वरुणानीतजनकाय नमः।
Om Varunanitajanakaya Namah।
487
ॐ गोपज्ञातात्मवैभवाय नमः।
Om Gopajnatatmavaibhavaya Namah।
488
ॐ स्वर्लोकालोकसंहृष्टगोपवर्गाय नमः।
Om Svarlokalokasanhrishtagopavargaya Namah।
489
ॐ त्रिवर्गदाय नमः।
Om Trivargadaya Namah।
490
ॐ ब्रह्महृद्गोपिताय नमः।
Om Brahmahridgopitaya Namah।
491
ॐ गोपद्रष्ट्रे नमः।
Om Gopadrashtre Namah।
492
ॐ ब्रह्मपदप्रदाय नमः।
Om Brahmapadapradaya Namah।
493
ॐ शरच्चन्द्रविहारोत्काय नमः।
Om Sharachchandraviharotkaya Namah।
494
ॐ श्रीपतये नमः।
Om Shripataye Namah।
495
ॐ वशकाय नमः।
Om Vashakaya Namah।
496
ॐ क्षमाय नमः।
Om Kshamaya Namah।
497
ॐ भयापहाय नमः।
Om Bhayapahaya Namah।
498
ॐ भर्तृरुद्धगोपिकाध्यानगोचराय नमः।
Om Bhartriruddhagopikadhyanagocharaya Namah।
499
ॐ गोपिकानयनास्वाद्याय नमः।
Om Gopikanayanasvadyaya Namah।
500
ॐ गोपीनर्मोक्तिनिवृताय नमः।
Om Gopinarmoktinivritaya Namah।
501
ॐ गोपिकामानहरणाय नमः।
Om Gopikamanaharanaya Namah।
502
ॐ गोपिकाशतयूथपाय नमः।
Om Gopikashatayuthapaya Namah।
503
ॐ वैजयन्तीस्रगाकल्पाय नमः।
Om Vaijayantisragakalpaya Namah।
504
ॐ गोपिकामानवर्धनाय नमः।
Om Gopikamanavardhanaya Namah।
505
ॐ गोपकान्तासुनिर्देष्ट्रे नमः।
Om Gopakantasunirdeshtre Namah।
506
ॐ कान्ताय नमः।
Om Kantaya Namah।
507
ॐ मन्मथमन्मथाय नमः।
Om Manmathamanmathaya Namah।
508
ॐ स्वात्मास्यदत्तताम्बूलाय नमः।
Om Svatmasyadattatambulaya Namah।
509
ॐ फलितोत्कृष्टयौवनाय नमः।
Om Phalitotkrishtayauvanaya Namah।
510
ॐ वल्लभीस्तनसक्ताक्षाय नमः।
Om Vallabhistanasaktakshaya Namah।
511
ॐ वल्लबीप्रेमचालिताय नमः।
Om Vallabipremachalitaya Namah।
512
ॐ गोपीचेलाञ्चलासीनाय नमः।
Om Gopichelanchalasinaya Namah।
513
ॐ गोपीनेत्राब्जषट्पदाय नमः।
Om Gopinetrabjashatpadaya Namah।
514
ॐ रासक्रीडासमासक्ताय नमः।
Om Rasakridasamasaktaya Namah।
515
ॐ गोपीमण्डलमण्डनाय नमः।
Om Gopimandalamandanaya Namah।
516
ॐ गोपीहेममणिश्रेणिमध्येन्द्रमणये नमः।
Om Gopihemamanishrenimadhyendramanaye Namah।
517
ॐ उज्ज्वलाय नमः।
Om Ujjvalaya Namah।
518
ॐ विद्याधरेन्दुशापघ्नाय नमः।
Om Vidyadharendushapaghnaya Namah।
519
ॐ शङ्खचूडशिरोहराय नमः।
Om Shankhachudashiroharaya Namah।
520
ॐ शङ्खचूडशिरोरत्नसम्प्रीणितबलाय नमः।
Om Shankhachudashiroratnasamprinitabalaya Namah।
521
ॐ अनघाय नमः।
Om Anaghaya Namah।
522
ॐ अरिष्टारिष्टकृते नमः।
Om Arishtarishtakrite Namah।
523
ॐ दुष्टकेशिदैत्यनिषूदनाय नमः।
Om Dushtakeshidaityanishudanaya Namah।
524
ॐ सरसाय नमः।
Om Sarasaya Namah।
525
ॐ सस्मितमुखाय नमः।
Om Sasmitamukhaya Namah।
526
ॐ सुस्थिराय नमः।
Om Susthiraya Namah।
527
ॐ विरहाकुलाय नमः।
Om Virahakulaya Namah।
528
ॐ सङ्कर्षणार्पितप्रीतये नमः।
Om Sankarshanarpitapritaye Namah।
529
ॐ अक्रूरध्यानगोचराय नमः।
Om Akruradhyanagocharaya Namah।
530
ॐ अक्रूरसंस्तुताय नमः।
Om Akrurasanstutaya Namah।
531
ॐ गूढाय नमः।
Om Gudhaya Namah।
532
ॐ गुणवृत्त्युपलक्षिताय नमः।
Om Gunavrittyupalakshitaya Namah।
533
ॐ प्रमाणगम्याय नमः।
Om Pramanagamyaya Namah।
534
ॐ तन्मात्रावयविने नमः।
Om Tanmatravayavine Namah।
535
ॐ बुद्धितत्पराय नमः।
Om Buddhitatparaya Namah।
536
ॐ सर्वप्रमाणप्रमथिने नमः।
Om Sarvapramanapramathine Namah।
537
ॐ सर्वप्रत्ययसाधकाय नमः।
Om Sarvapratyayasadhakaya Namah।
538
ॐ पुरुषाय नमः।
Om Purushaya Namah।
539
ॐ प्रधानात्मने नमः।
Om Pradhanatmane Namah।
540
ॐ विपर्यासविलोचनाय नमः।
Om Viparyasavilochanaya Namah।
541
ॐ मधुराजनसंवीक्ष्याय नमः।
Om Madhurajanasamvikshyaya Namah।
542
ॐ रजकप्रतिघातकाय नमः।
Om Rajakapratighatakaya Namah।
543
ॐ विचित्राम्बरसंवीताय नमः।
Om Vichitrambarasamvitaya Namah।
544
ॐ मालाकारवरप्रदाय नमः।
Om Malakaravarapradaya Namah।
545
ॐ कुब्जावक्रत्वनिर्मोक्त्रे नमः।
Om Kubjavakratvanirmoktre Namah।
546
ॐ कुब्जायौवनदायकाय नमः।
Om Kubjayauvanadayakaya Namah।
547
ॐ कुब्जाङ्गरागसुरभये नमः।
Om Kubjangaragasurabhaye Namah।
548
ॐ कंसकोदण्डखण्डनाय नमः।
Om Kansakodandakhandanaya Namah।
549
ॐ धीराय नमः।
Om Dhiraya Namah।
550
ॐ कुवलयापीडमर्दनाय नमः।
Om Kuvalayapidamardanaya Namah।
551
ॐ कंसभीतिकृते नमः।
Om Kansabhitikrite Namah।
552
ॐ दन्तिदन्तायुधाय नमः।
Om Dantidantayudhaya Namah।
553
ॐ रङ्गत्रासकाय नमः।
Om Rangatrasakaya Namah।
554
ॐ मल्लयुद्धविदे नमः।
Om Mallayuddhavide Namah।
555
ॐ चाणूरहन्त्रे नमः।
Om Chanurahantre Namah।
556
ॐ कंसारये नमः।
Om Kansaraye Namah।
557
ॐ देवकीहर्षदायकाय नमः।
Om Devakiharshadayakaya Namah।
558
ॐ वसुदेवपदानम्राय नमः।
Om Vasudevapadanamraya Namah।
559
ॐ पितृबन्धविमोचनाय नमः।
Om Pitribandhavimochanaya Namah।
560
ॐ उर्वीभयापहाय नमः।
Om Urvibhayapahaya Namah।
561
ॐ भूपाय नमः।
Om Bhupaya Namah।
562
ॐ उग्रसेनाधिपत्यदाय नमः।
Om Ugrasenadhipatyadaya Namah।
563
ॐ आज्ञास्थितशचीनाथाय नमः।
Om Ajnasthitashachinathaya Namah।
564
ॐ सुधर्मानयनक्षमाय नमः।
Om Sudharmanayanakshamaya Namah।
565
ॐ आद्याय नमः।
Om Adyaya Namah।
566
ॐ द्विजातिसत्कर्त्रे नमः।
Om Dvijatisatkartre Namah।
567
ॐ शिष्टाचारप्रदर्शकाय नमः।
Om Shishtacharapradarshakaya Namah।
568
ॐ सान्दीपनिकृताभ्यस्तविद्याभ्यासैकधिये नमः।
Om Sandipanikritabhyastavidyabhyasaikadhiye Namah।
569
ॐ सुधये नमः।
Om Sudhaye Namah।
570
ॐ गुर्वभीष्टक्रियादक्षाय नमः।
Om Gurvabhishtakriyadakshaya Namah।
571
ॐ पश्चिमोदधिपूजिताय नमः।
Om Pashchimodadhipujitaya Namah।
572
ॐ हतपञ्चजनप्राप्तपाञ्चजन्याय नमः।
Om Hatapanchajanapraptapanchajanyaya Namah।
573
ॐ यमार्चिताय नमः।
Om Yamarchitaya Namah।
574
ॐ धर्मराजजयानीतगुरुपुत्राय नमः।
Om Dharmarajajayanitaguruputraya Namah।
575
ॐ उरुक्रमाय नमः।
Om Urukramaya Namah।
576
ॐ गुरुपुत्रप्रदाय नमः।
Om Guruputrapradaya Namah।
577
ॐ शास्त्रे नमः।
Om Shastre Namah।
578
ॐ मधुराजनमानदाय नमः।
Om Madhurajanamanadaya Namah।
579
ॐ जामदग्न्यसमभ्यर्च्याय नमः।
Om Jamadagnyasamabhyarchyaya Namah।
580
ॐ गोमन्तगिरिसञ्चराय नमः।
Om Gomantagirisancharaya Namah।
581
ॐ गोमन्तदावशमनाय नमः।
Om Gomantadavashamanaya Namah।
582
ॐ गरुडानीतभूषणाय नमः।
Om Garudanitabhushanaya Namah।
583
ॐ चक्राद्यायुधसंशोभिने नमः।
Om Chakradyayudhasanshobhine Namah।
584
ॐ जरासन्धमदापहाय नमः।
Om Jarasandhamadapahaya Namah।
585
ॐ सृगालावनिपालघ्नाय नमः।
Om Srigalavanipalaghnaya Namah।
586
ॐ सृगालात्मजराज्यदाय नमः।
Om Srigalatmajarajyadaya Namah।
587
ॐ विध्वस्तकालयवनाय नमः।
Om Vidhvastakalayavanaya Namah।
588
ॐ मुचुकुन्दवरप्रदाय नमः।
Om Muchukundavarapradaya Namah।
589
ॐ आज्ञापितमहाम्भोधये नमः।
Om Ajnapitamahambhodhaye Namah।
590
ॐ द्वारकापुरकल्पनाय नमः।
Om Dvarakapurakalpanaya Namah।
591
ॐ द्वारकानिलयाय नमः।
Om Dvarakanilayaya Namah।
592
ॐ रुक्मिमानहन्त्रे नमः।
Om Rukmimanahantre Namah।
593
ॐ यदूद्वहाय नमः।
Om Yadudvahaya Namah।
594
ॐ रुचिराय नमः।
Om Ruchiraya Namah।
595
ॐ रुक्मिणीजानये नमः।
Om Rukminijanaye Namah।
596
ॐ प्रद्युम्नजनकाय नमः।
Om Pradyumnajanakaya Namah।
597
ॐ प्रभवे नमः।
Om Prabhave Namah।
598
ॐ अपाकृतत्रिलोकार्तये नमः।
Om Apakritatrilokartaye Namah।
599
ॐ अनिरुद्धपितामहाय नमः।
Om Aniruddhapitamahaya Namah।
600
ॐ अनिरुद्धपदान्वेषिणे नमः।
Om Aniruddhapadanveshine Namah।
601
ॐ चक्रिणे नमः।
Om Chakrine Namah।
602
ॐ गरुडवाहनाय नमः।
Om Garudavahanaya Namah।
603
ॐ बाणासुरपुरीरोद्ध्रे नमः।
Om Banasurapuriroddhre Namah।
604
ॐ रक्षाज्वलनयन्त्रजिते नमः।
Om Rakshajvalanayantrajite Namah।
605
ॐ धूतप्रमथसंरम्भाय नमः।
Om Dhutapramathasanrambhaya Namah।
606
ॐ जितमाहेश्वरज्वराय नमः।
Om Jitamaheshvarajvaraya Namah।
607
ॐ षट्चक्रशक्तिनिर्जेत्रे नमः।
Om Shatchakrashaktinirjetre Namah।
608
ॐ भूतभेतालमोहकृते नमः।
Om Bhutabhetalamohakrite Namah।
609
ॐ शम्भुत्रिशूलजिते नमः।
Om Shambhutrishulajite Namah।
610
ॐ शम्भुजृम्भणाय नमः।
Om Shambhujrimbhanaya Namah।
611
ॐ शम्भुसंस्तुताय नमः।
Om Shambhusanstutaya Namah।
612
ॐ इन्दिरयात्मने नमः।
Om Indirayatmane Namah।
613
ॐ इन्दुहृदयाय नमः।
Om Induhridayaya Namah।
614
ॐ सर्वयोगेश्वरेश्वराय नमः।
Om Sarvayogeshvareshvaraya Namah।
615
ॐ हिरण्यगर्भहृदयाय नमः।
Om Hiranyagarbhahridayaya Namah।
616
ॐ मोहावर्तनिवर्तनाय नमः।
Om Mohavartanivartanaya Namah।
617
ॐ आत्मज्ञाननिधये नमः।
Om Atmajnananidhaye Namah।
618
ॐ मेधाकोशाय नमः।
Om Medhakoshaya Namah।
619
ॐ तन्मात्ररूपवते नमः।
Om Tanmatrarupavate Namah।
620
ॐ इन्द्राय नमः।
Om Indraya Namah।
621
ॐ अग्निवदनाय नमः।
Om Agnivadanaya Namah।
622
ॐ कालनाभाय नमः।
Om Kalanabhaya Namah।
623
ॐ सर्वागमाध्वगाय नमः।
Om Sarvagamadhvagaya Namah।
624
ॐ तुरीयाय नमः।
Om Turiyaya Namah।
625
ॐ सर्वधीसाक्षिणे नमः।
Om Sarvadhisakshine Namah।
626
ॐ द्वन्द्वारामात्मदूरगाय नमः।
Om Dvandvaramatmaduragaya Namah।
627
ॐ अज्ञातपाराय नमः।
Om Ajnataparaya Namah।
628
ॐ वश्यश्रियै नमः।
Om Vashyashriyai Namah।
629
ॐ अव्याकृतविहारवते नमः।
Om Avyakritaviharavate Namah।
630
ॐ आत्मप्रदीपाय नमः।
Om Atmapradipaya Namah।
631
ॐ विज्ञानमात्रात्मने नमः।
Om Vijnanamatratmane Namah।
632
ॐ श्रीनिकेतनाय नमः।
Om Shriniketanaya Namah।
633
ॐ बाणबाहुवनच्छेत्रे नमः।
Om Banabahuvanachchhetre Namah।
634
ॐ महेन्द्रप्रीतिवर्धनाय नमः।
Om Mahendrapritivardhanaya Namah।
635
ॐ अनिरुद्धनिरोधज्ञाय नमः।
Om Aniruddhanirodhajnaya Namah।
636
ॐ जलेशाहृतगोकुलाय नमः।
Om Jaleshahritagokulaya Namah।
637
ॐ जलेशविजयिने नमः।
Om Jaleshavijayine Namah।
638
ॐ वीराय नमः।
Om Viraya Namah।
639
ॐ सत्राजिद्रत्नयाचकाय नमः।
Om Satrajidratnayachakaya Namah।
640
ॐ प्रसेनान्वेषणोद्युक्ताय नमः।
Om Prasenanveshanodyuktaya Namah।
641
ॐ जाम्बवद्धृतरत्नदाय नमः।
Om Jambavaddhritaratnadaya Namah।
642
ॐ जितर्क्षराजतनयाहर्त्रे नमः।
Om Jitarksharajatanayahartre Namah।
643
ॐ जाम्बवतीप्रियाय नमः।
Om Jambavatipriyaya Namah।
644
ॐ सत्यभामाप्रियाय नमः।
Om Satyabhamapriyaya Namah।
645
ॐ कामाय नमः।
Om Kamaya Namah।
646
ॐ शतधन्वशिरोहराय नमः।
Om Shatadhanvashiroharaya Namah।
647
ॐ कालिन्दीपतये नमः।
Om Kalindipataye Namah।
648
ॐ अक्रूरबन्धवे नमः।
Om Akrurabandhave Namah।
649
ॐ अक्रूररत्नदाय नमः।
Om Akruraratnadaya Namah।
650
ॐ कैकयीरमणाय नमः।
Om Kaikayiramanaya Namah।
651
ॐ भद्राभर्त्रे नमः।
Om Bhadrabhartre Namah।
652
ॐ नाग्नजितीधवाय नमः।
Om Nagnajitidhavaya Namah।
653
ॐ माद्रीमनोहराय नमः।
Om Madrimanoharaya Namah।
654
ॐ शब्याप्राणबन्धवे नमः।
Om Shabyapranabandhave Namah।
655
ॐ उरुक्रमाय नमः।
Om Urukramaya Namah।
656
ॐ सुशीलादयिताय नमः।
Om Sushiladayitaya Namah।
657
ॐ मित्रविन्दानेत्रमहोत्सवाय नमः।
Om Mitravindanetramahotsavaya Namah।
658
ॐ लक्ष्मणावल्लभाय नमः।
Om Lakshmanavallabhaya Namah।
659
ॐ रुद्धप्राग्ज्योतिषमहापुराय नमः।
Om Ruddhapragjyotishamahapuraya Namah।
660
ॐ सुरपाशावृतिच्छेदिने नमः।
Om Surapashavritichchhedine Namah।
661
ॐ मुरारये नमः।
Om Muraraye Namah।
662
ॐ क्रूरयुद्धविदे नमः।
Om Krurayuddhavide Namah।
663
ॐ हयग्रीवशिरोहर्त्रे नमः।
Om Hayagrivashirohartre Namah।
664
ॐ सर्वात्मने नमः।
Om Sarvatmane Namah।
665
ॐ सर्वदर्शनाय नमः।
Om Sarvadarshanaya Namah।
666
ॐ नरकासुरविच्छेत्रे नमः।
Om Narakasuravichchhetre Namah।
667
ॐ नरकात्मजराज्यदाय नमः।
Om Narakatmajarajyadaya Namah।
668
ॐ पृथ्वीस्तुताय नमः।
Om Prithvistutaya Namah।
669
ॐ प्रकाशात्मने नमः।
Om Prakashatmane Namah।
670
ॐ हृद्याय नमः।
Om Hridyaya Namah।
671
ॐ यज्ञफलप्रदाय नमः।
Om Yajnaphalapradaya Namah।
672
ॐ गुणग्राहिणे नमः।
Om Gunagrahine Namah।
673
ॐ गुणद्रष्ट्रे नमः।
Om Gunadrashtre Namah।
674
ॐ गूढस्वात्मने नमः।
Om Gudhasvatmane Namah।
675
ॐ विभूतिमते नमः।
Om Vibhutimate Namah।
676
ॐ कवये नमः।
Om Kavaye Namah।
677
ॐ जगदुपद्रष्ट्रे नमः।
Om Jagadupadrashtre Namah।
678
ॐ परमाक्षरविग्रहाय नमः।
Om Paramaksharavigrahaya Namah।
679
ॐ प्रपन्नपालनाय नमः।
Om Prapannapalanaya Namah।
680
ॐ मालिने नमः।
Om Maline Namah।
681
ॐ महते नमः।
Om Mahate Namah।
682
ॐ ब्रह्मविवर्धनाय नमः।
Om Brahmavivardhanaya Namah।
683
ॐ वाच्यवाचकशक्त्यर्थाय नमः।
Om Vachyavachakashaktyarthaya Namah।
684
ॐ सर्वव्याकृतसिद्धिदाय नमः।
Om Sarvavyakritasiddhidaya Namah।
685
ॐ स्वयम्प्रभवे नमः।
Om Svayamprabhave Namah।
686
ॐ अनिर्वेद्याय नमः।
Om Anirvedyaya Namah।
687
ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
Om Svaprakashaya Namah।
688
ॐ चिरन्तनाय नमः।
Om Chirantanaya Namah।
689
ॐ नादात्मने नमः।
Om Nadatmane Namah।
690
ॐ मन्त्रकोटीशाय नमः।
Om Mantrakotishaya Namah।
691
ॐ नानावादनिरोधकाय नमः।
Om Nanavadanirodhakaya Namah।
692
ॐ कन्दर्पकोटिलावण्याय नमः।
Om Kandarpakotilavanyaya Namah।
693
ॐ परार्थैकप्रयोजकाय नमः।
Om Pararthaikaprayojakaya Namah।
694
ॐ अमरीकृतदेवौघाय नमः।
Om Amarikritadevaughaya Namah।
695
ॐ कन्यकाबन्धमोचनाय नमः।
Om Kanyakabandhamochanaya Namah।
696
ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः।
Om Shodashastrisahasreshaya Namah।
697
ॐ कान्ताय नमः।
Om Kantaya Namah।
698
ॐ कान्तामनोभवाय नमः।
Om Kantamanobhavaya Namah।
699
ॐ क्रीडारत्नाचलाहर्त्रे नमः।
Om Kridaratnachalahartre Namah।
700
ॐ वरुणच्छत्रशोभिताय नमः।
Om Varunachchhatrashobhitaya Namah।
701
ॐ शक्राभिवन्दिताय नमः।
Om Shakrabhivanditaya Namah।
702
ॐ शक्रजननीकुण्डलप्रदाय नमः।
Om Shakrajananikundalapradaya Namah।
703
ॐ अदितिप्रस्तुतस्तोत्राय नमः।
Om Aditiprastutastotraya Namah।
704
ॐ ब्राह्मणोद्घुष्टचेष्टनाय नमः।
Om Brahmanodghushtacheshtanaya Namah।
705
ॐ पुराणाय नमः।
Om Puranaya Namah।
706
ॐ संयमिने नमः।
Om Sanyamine Namah।
707
ॐ जन्मालिप्ताय नमः।
Om Janmaliptaya Namah।
708
ॐ षड्विंशकाय नमः।
Om Shadvinshakaya Namah।
709
ॐ अर्थदाय नमः।
Om Arthadaya Namah।
710
ॐ यशस्यनीतये नमः।
Om Yashasyanitaye Namah।
711
ॐ आद्यन्तरहिताय नमः।
Om Adyantarahitaya Namah।
712
ॐ सत्कथाप्रियाय नमः।
Om Satkathapriyaya Namah।
713
ॐ ब्रह्मबोधाय नमः।
Om Brahmabodhaya Namah।
714
ॐ परानन्दाय नमः।
Om Paranandaya Namah।
715
ॐ पारिजातापहारकाय नमः।
Om Parijatapaharakaya Namah।
716
ॐ पौण्ड्रकप्राणहरणाय नमः।
Om Paundrakapranaharanaya Namah।
717
ॐ काशिराजनिषूदनाय नमः।
Om Kashirajanishudanaya Namah।
718
ॐ कृत्यागर्वप्रशमनाय नमः।
Om Krityagarvaprashamanaya Namah।
719
ॐ विचक्रवधदीक्षिताय नमः।
Om Vichakravadhadikshitaya Namah।
720
ॐ हंसविध्वंसनाय नमः।
Om Hansavidhvansanaya Namah।
721
ॐ साम्बजनकाय नमः।
Om Sambajanakaya Namah।
722
ॐ डिम्भकार्दनाय नमः।
Om Dimbhakardanaya Namah।
723
ॐ मुनये नमः।
Om Munaye Namah।
724
ॐ गोप्त्रे नमः।
Om Goptre Namah।
725
ॐ पितृवरप्रदाय नमः।
Om Pitrivarapradaya Namah।
726
ॐ सवनदीक्षिताय नमः।
Om Savanadikshitaya Namah।
727
ॐ रथिने नमः।
Om Rathine Namah।
728
ॐ सारथ्यनिर्देष्ट्रे नमः।
Om Sarathyanirdeshtre Namah।
729
ॐ फाल्गुनाय नमः।
Om Phalgunaya Namah।
730
ॐ फाल्गुनिप्रियाय नमः।
Om Phalgunipriyaya Namah।
731
ॐ सप्ताब्धिस्तम्भनोद्भूताय नमः।
Om Saptabdhistambhanodbhutaya Namah।
732
ॐ हरये नमः।
Om Haraye Namah।
733
ॐ सप्ताब्धिभेदनाय नमः।
Om Saptabdhibhedanaya Namah।
734
ॐ आत्मप्रकाशाय नमः।
Om Atmaprakashaya Namah।
735
ॐ पूर्णश्रिये नमः।
Om Purnashriye Namah।
736
ॐ आदिनारायणेक्षिताय नमः।
Om Adinarayanekshitaya Namah।
737
ॐ विप्रपुत्रप्रदाय नमः।
Om Vipraputrapradaya Namah।
738
ॐ सर्वमातृसुतप्रदाय नमः।
Om Sarvamatrisutapradaya Namah।
739
ॐ पार्थविस्मयकृते नमः।
Om Parthavismayakrite Namah।
740
ॐ पार्थप्रणवार्थप्रबोधनाय नमः।
Om Parthapranavarthaprabodhanaya Namah।
741
ॐ कैलासयात्रासुमुखाय नमः।
Om Kailasayatrasumukhaya Namah।
742
ॐ बदर्याश्रमभूषणाय नमः।
Om Badaryashramabhushanaya Namah।
743
ॐ घण्टाकर्णक्रियामौढ्यात्तेषिताय नमः।
Om Ghantakarnakriyamaudhyatteshitaya Namah।
744
ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
Om Bhaktavatsalaya Namah।
745
ॐ मुनिवृन्दादिभिर्ध्येयाय नमः।
Om Munivrindadibhirdhyeyaya Namah।
746
ॐ घण्टाकर्णवरप्रदाय नमः।
Om Ghantakarnavarapradaya Namah।
747
ॐ तपश्चर्यापराय नमः।
Om Tapashcharyaparaya Namah।
748
ॐ चीरवाससे नमः।
Om Chiravasase Namah।
749
ॐ पिङ्गजटाधराय नमः।
Om Pingajatadharaya Namah।
750
ॐ प्रत्यक्षीकृतभूतेशाय नमः।
Om Pratyakshikritabhuteshaya Namah।
751
ॐ शिवस्तोत्रे नमः।
Om Shivastotre Namah।
752
ॐ शिवस्तुताय नमः।
Om Shivastutaya Namah।
753
ॐ कृष्णास्वयंवरालोककौतुकिने नमः।
Om Krishnasvayamvaralokakautukine Namah।
754
ॐ सर्वसम्मताय नमः।
Om Sarvasammataya Namah।
755
ॐ बलसंरम्भशमनाय नमः।
Om Balasanrambhashamanaya Namah।
756
ॐ बलदर्शितपाण्डवाय नमः।
Om Baladarshitapandavaya Namah।
757
ॐ यतिवेषार्जुनाभीष्टदायिने नमः।
Om Yativesharjunabhishtadayine Namah।
758
ॐ सर्वात्मगोचराय नमः।
Om Sarvatmagocharaya Namah।
759
ॐ सुभद्राफाल्गुनोद्वाहकर्त्रे नमः।
Om Subhadraphalgunodvahakartre Namah।
760
ॐ प्रीणितफाल्गुनाय नमः।
Om Prinitaphalgunaya Namah।
761
ॐ खाण्डवप्रीणीतार्चिष्मते नमः।
Om Khandavaprinitarchishmate Namah।
762
ॐ मयदानवमोचनाय नमः।
Om Mayadanavamochanaya Namah।
763
ॐ सुलभाय नमः।
Om Sulabhaya Namah।
764
ॐ राजसूयार्हयुधिष्ठिरनियोजकाय नमः।
Om Rajasuyarhayudhishthiraniyojakaya Namah।
765
ॐ भीमार्दितजरासन्धाय नमः।
Om Bhimarditajarasandhaya Namah।
766
ॐ मागधात्मजराज्यदाय नमः।
Om Magadhatmajarajyadaya Namah।
767
ॐ राजबन्धननिर्मोक्त्रे नमः।
Om Rajabandhananirmoktre Namah।
768
ॐ राजसूयाग्रपूजनाय नमः।
Om Rajasuyagrapujanaya Namah।
769
ॐ चैद्याद्यसहनाय नमः।
Om Chaidyadyasahanaya Namah।
770
ॐ भीष्मस्तुताय नमः।
Om Bhishmastutaya Namah।
771
ॐ सात्वतपूर्वजाय नमः।
Om Satvatapurvajaya Namah।
772
ॐ सर्वात्मने नमः।
Om Sarvatmane Namah।
773
ॐ अर्थसमाहर्त्रे नमः।
Om Arthasamahartre Namah।
774
ॐ मन्दराचलधारकाय नमः।
Om Mandarachaladharakaya Namah।
775
ॐ यज्ञावताराय नमः।
Om Yajnavataraya Namah।
776
ॐ प्रह्लादप्रतिज्ञापरिपालकाय नमः।
Om Prahladapratijnaparipalakaya Namah।
777
ॐ बलियज्ञसभाध्वंसिने नमः।
Om Baliyajnasabhadhvansine Namah।
778
ॐ दृप्तक्षत्रकुलान्तकाय नमः।
Om Driptakshatrakulantakaya Namah।
779
ॐ दशग्रीवान्तकाय नमः।
Om Dashagrivantakaya Namah।
780
ॐ ओञ्जेत्रे नमः।
Om Onjetre Namah।
781
ॐ रेवतीप्रेमवल्लभाय नमः।
Om Revatipremavallabhaya Namah।
782
ॐ सर्वावताराधिष्ठात्रे नमः।
Om Sarvavataradhishthatre Namah।
783
ॐ वेदबाह्यविमोहनाय नमः।
Om Vedabahyavimohanaya Namah।
784
ॐ कलिदोषनिराकर्त्रे नमः।
Om Kalidoshanirakartre Namah।
785
ॐ दशनाम्ने नमः।
Om Dashanamne Namah।
786
ॐ दृढव्रताय नमः।
Om Dridhavrataya Namah।
787
ॐ अमेयात्मने नमः।
Om Ameyatmane Namah।
788
ॐ जगत्स्वामिने नमः।
Om Jagatsvamine Namah।
789
ॐ वाग्मिने नमः।
Om Vagmine Namah।
790
ॐ चैद्यशिरोहराय नमः।
Om Chaidyashiroharaya Namah।
791
ॐ द्रौपदीरचितस्तोत्राय नमः।
Om Draupadirachitastotraya Namah।
792
ॐ केशवाय नमः।
Om Keshavaya Namah।
793
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः।
Om Purushottamaya Namah।
794
ॐ नारायणाय नमः।
Om Narayanaya Namah।
795
ॐ मधुपतये नमः।
Om Madhupataye Namah।
796
ॐ माधवाय नमः।
Om Madhavaya Namah।
797
ॐ दोषवर्जिताय नमः।
Om Doshavarjitaya Namah।
798
ॐ गोविन्दाय नमः।
Om Govindaya Namah।
799
ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः।
Om Pundarikakshaya Namah।
800
ॐ विष्णवे नमः।
Om Vishnave Namah।
801
ॐ मधुसूदनाय नमः।
Om Madhusudanaya Namah।
802
ॐ त्रिविक्रमाय नमः।
Om Trivikramaya Namah।
803
ॐ त्रिलोकेशाय नमः।
Om Trilokeshaya Namah।
804
ॐ वामनाय नमः।
Om Vamanaya Namah।
805
ॐ श्रीधराय नमः।
Om Shridharaya Namah।
806
ॐ पुंसे नमः।
Om Punse Namah।
807
ॐ हृषीकेशाय नमः।
Om Hrishikeshaya Namah।
808
ॐ वासुदेवाय नमः।
Om Vasudevaya Namah।
809
ॐ पद्मनाभाय नमः।
Om Padmanabhaya Namah।
810
ॐ महाह्रदाय नमः।
Om Mahahradaya Namah।
811
ॐ दामोदराय नमः।
Om Damodaraya Namah।
812
ॐ चतुर्व्यूहाय नमः।
Om Chaturvyuhaya Namah।
813
ॐ पाञ्चालीमानरक्षणाय नमः।
Om Panchalimanarakshanaya Namah।
814
ॐ साल्वघ्नाय नमः।
Om Salvaghnaya Namah।
815
ॐ समरश्लाधिने नमः।
Om Samarashladhine Namah।
816
ॐ दन्तवक्त्रनिबर्हणाय नमः।
Om Dantavaktranibarhanaya Namah।
817
ॐ दामोदरप्रियसखाय नमः।
Om Damodarapriyasakhaya Namah।
818
ॐ पृथुकास्वादनप्रियाय नमः।
Om Prithukasvadanapriyaya Namah।
819
ॐ घृणीने नमः।
Om Ghrinine Namah।
820
ॐ दामोदराय नमः।
Om Damodaraya Namah।
821
ॐ श्रीदाय नमः।
Om Shridaya Namah।
822
ॐ गोपीपुनरवेक्षकाय नमः।
Om Gopipunaravekshakaya Namah।
823
ॐ गोपिकामुक्तिदाय नमः।
Om Gopikamuktidaya Namah।
824
ॐ योगिने नमः।
Om Yogine Namah।
825
ॐ दुर्वासस्तृप्तिकारकाय नमः।
Om Durvasastriptikarakaya Namah।
826
ॐ अविज्ञातव्रजाकीर्णपाण्डवालोकनाय नमः।
Om Avijnatavrajakirnapandavalokanaya Namah।
827
ॐ जयिने नमः।
Om Jayine Namah।
828
ॐ पार्थसारथ्यनिरताय नमः।
Om Parthasarathyanirataya Namah।
829
ॐ प्राज्ञाय नमः।
Om Prajnaya Namah।
830
ॐ पाण्डवदौत्यकृते नमः।
Om Pandavadautyakrite Namah।
831
ॐ विदुरातिथ्यसन्तुष्टाय नमः।
Om Viduratithyasantushtaya Namah।
832
ॐ कुन्तीसन्तोषदायकाय नमः।
Om Kuntisantoshadayakaya Namah।
833
ॐ सुयोधनतिरस्कर्त्रे नमः।
Om Suyodhanatiraskartre Namah।
834
ॐ दुर्योधनविकारविदे नमः।
Om Duryodhanavikaravide Namah।
835
ॐ विदुराभिष्टुताय नमः।
Om Vidurabhishtutaya Namah।
836
ॐ नित्याय नमः।
Om Nityaya Namah।
837
ॐ वार्ष्णेयाय नमः।
Om Varshneyaya Namah।
838
ॐ मङ्गलात्मकाय नमः।
Om Mangalatmakaya Namah।
839
ॐ पञ्चविंशतितत्त्वेशाय नमः।
Om Panchavinshatitattveshaya Namah।
840
ॐ चतुर्विंशतिदेहभाजे नमः।
Om Chaturvinshatidehabhaje Namah।
841
ॐ सर्वानुग्राहकाय नमः।
Om Sarvanugrahakaya Namah।
842
ॐ सर्वदाशार्हसततार्चिताय नमः।
Om Sarvadasharhasatatarchitaya Namah।
843
ॐ अचिन्त्याय नमः।
Om Achintyaya Namah।
844
ॐ मधुरालापाय नमः।
Om Madhuralapaya Namah।
845
ॐ साधुदर्शिने नमः।
Om Sadhudarshine Namah।
846
ॐ दुरासदाय नमः।
Om Durasadaya Namah।
847
ॐ मनुष्यधर्मानुगताय नमः।
Om Manushyadharmanugataya Namah।
848
ॐ कौरवेन्द्रक्षयेक्षित्रे नमः।
Om Kauravendrakshayekshitre Namah।
849
ॐ उपेन्द्राय नमः।
Om Upendraya Namah।
850
ॐ दानवारातये नमः।
Om Danavarataye Namah।
851
ॐ उरुगीताय नमः।
Om Urugitaya Namah।
852
ॐ महाद्युतये नमः।
Om Mahadyutaye Namah।
853
ॐ ब्रह्मण्यदेवाय नमः।
Om Brahmanyadevaya Namah।
854
ॐ श्रुतिमते नमः।
Om Shrutimate Namah।
855
ॐ गोब्राह्मणहिताशयाय नमः।
Om Gobrahmanahitashayaya Namah।
856
ॐ वरशीलाय नमः।
Om Varashilaya Namah।
857
ॐ शिवारम्भाय नमः।
Om Shivarambhaya Namah।
858
ॐ सुविज्ञानविमूर्तिमते नमः।
Om Suvijnanavimurtimate Namah।
859
ॐ स्वभावशुद्धाय नमः।
Om Svabhavashuddhaya Namah।
860
ॐ सन्मित्राय नमः।
Om Sanmitraya Namah।
861
ॐ सुशरण्याय नमः।
Om Susharanyaya Namah।
862
ॐ सुलक्षणाय नमः।
Om Sulakshanaya Namah।
863
ॐ धृतराष्ट्रगताय नमः।
Om Dhritarashtragataya Namah।
864
ॐ दृष्टिप्रदाय नमः।
Om Drishtipradaya Namah।
865
ॐ कर्णविभेदनाय नमः।
Om Karnavibhedanaya Namah।
866
ॐ प्रतोदधृते नमः।
Om Pratodadhrite Namah।
867
ॐ विश्वरूपविस्मारितधनञ्जयाय नमः।
Om Vishvarupavismaritadhananjayaya Namah।
868
ॐ सामगानप्रियाय नमः।
Om Samaganapriyaya Namah।
869
ॐ धर्मधेनवे नमः।
Om Dharmadhenave Namah।
870
ॐ वर्णोत्तमाय नमः।
Om Varnottamaya Namah।
871
ॐ अव्ययाय नमः।
Om Avyayaya Namah।
872
ॐ चतुर्युगक्रियाकर्त्रे नमः।
Om Chaturyugakriyakartre Namah।
873
ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः।
Om Vishvarupapradarshakaya Namah।
874
ॐ ब्रह्मबोधपरित्रातपार्थाय नमः।
Om Brahmabodhaparitrataparthaya Namah।
875
ॐ भीष्मार्थचक्रभृते नमः।
Om Bhishmarthachakrabhrite Namah।
876
ॐ अर्जुनायासविध्वंसिने नमः।
Om Arjunayasavidhvansine Namah।
877
ॐ कालदंष्ट्राविभूषणाय नमः।
Om Kaladanshtravibhushanaya Namah।
878
ॐ सुजातानन्तमहिम्ने नमः।
Om Sujatanantamahimne Namah।
879
ॐ स्वप्नव्यापारितार्जुनाय नमः।
Om Svapnavyaparitarjunaya Namah।
880
ॐ अकालसन्ध्याघटनाय नमः।
Om Akalasandhyaghatanaya Namah।
881
ॐ चक्रान्तरितभास्कराय नमः।
Om Chakrantaritabhaskaraya Namah।
882
ॐ दुष्टप्रमथनाय नमः।
Om Dushtapramathanaya Namah।
883
ॐ पार्थप्रतिज्ञापरिपालकाय नमः।
Om Parthapratijnaparipalakaya Namah।
884
ॐ सिन्धुराजशिरःपातस्थानवक्त्रे नमः।
Om Sindhurajashirahpatasthanavaktre Namah।
885
ॐ विवेकदृशे नमः।
Om Vivekadrishe Namah।
886
ॐ सुभद्राशोकहरणाय नमः।
Om Subhadrashokaharanaya Namah।
887
ॐ द्रोणोत्सेकादिविस्मिताय नमः।
Om Dronotsekadivismitaya Namah।
888
ॐ पार्थमन्युनिराकर्त्रे नमः।
Om Parthamanyunirakartre Namah।
889
ॐ पाण्डवोत्सवदायकाय नमः।
Om Pandavotsavadayakaya Namah।
890
ॐ अङ्गुष्ठाक्रान्तकौन्तेयरथाय नमः।
Om Angushthakrantakaunteyarathaya Namah।
891
ॐ शक्ताय नमः।
Om Shaktaya Namah।
892
ॐ अहिशीर्षजिते नमः।
Om Ahishirshajite Namah।
893
ॐ कालकोपप्रशमनाय नमः।
Om Kalakopaprashamanaya Namah।
894
ॐ भीमसेनजयप्रदाय नमः।
Om Bhimasenajayapradaya Namah।
895
ॐ अश्वत्थामवधायासत्रातपाण्डुसुताय नमः।
Om Ashvatthamavadhayasatratapandusutaya Namah।
896
ॐ कृतिने नमः।
Om Kritine Namah।
897
ॐ इषीकास्त्रप्रशमनाय नमः।
Om Ishikastraprashamanaya Namah।
898
ॐ द्रौणिरक्षाविचक्षणाय नमः।
Om Draunirakshavichakshanaya Namah।
899
ॐ पार्थापहारितद्रौणिचूडामणये नमः।
Om Parthapaharitadraunichudamanaye Namah।
900
ॐ अभङ्गुराय नमः।
Om Abhanguraya Namah।
901
ॐ धृतराष्ट्रपरामृष्टाभीमप्रतिकृतिस्मयाय नमः।
Om Dhritarashtraparanrishtabhimapratikritismayaya Namah।
902
ॐ भीष्मबुद्धिप्रदाय नमः।
Om Bhishmabuddhipradaya Namah।
903
ॐ शान्ताय नमः।
Om Shantaya Namah।
904
ॐ शरच्चन्द्रनिभाननाय नमः।
Om Sharachchandranibhananaya Namah।
905
ॐ गदाग्रजन्मने नमः।
Om Gadagrajanmane Namah।
906
ॐ पाञ्चालीप्रतिज्ञापालकाय नमः।
Om Panchalipratijnapalakaya Namah।
907
ॐ गान्धारीकोपदृग्गुप्तधर्मसूनवे नमः।
Om Gandharikopadrigguptadharmasunave Namah।
908
ॐ अनामयाय नमः।
Om Anamayaya Namah।
909
ॐ प्रपन्नार्तिभयच्छेत्त्रे नमः।
Om Prapannartibhayachchhettre Namah।
910
ॐ भीष्मशल्यव्यथापहाय नमः।
Om Bhishmashalyavyathapahaya Namah।
911
ॐ शान्ताय नमः।
Om Shantaya Namah।
912
ॐ शान्तनवोदीर्णसर्वधर्मसमाहिताय नमः।
Om Shantanavodirnasarvadharmasamahitaya Namah।
913
ॐ स्मारितब्रह्माविद्यार्थप्रीतपार्थाय नमः।
Om Smaritabrahmavidyarthapritaparthaya Namah।
914
ॐ महास्त्रविदे नमः।
Om Mahastravide Namah।
915
ॐ प्रसादपरमोदाराय नमः।
Om Prasadaparamodaraya Namah।
916
ॐ गाङ्गेयसुगतिप्रदाय नमः।
Om Gangeyasugatipradaya Namah।
917
ॐ विपक्षपक्षक्षयकृते नमः।
Om Vipakshapakshakshayakrite Namah।
918
ॐ परीक्षित्प्राणरक्षणाय नमः।
Om Parikshitpranarakshanaya Namah।
919
ॐ जगद्गुरवे नमः।
Om Jagadgurave Namah।
920
ॐ धर्मसूनोर्वाजिमेधप्रवर्तकाय नमः।
Om Dharmasunorvajimedhapravartakaya Namah।
921
ॐ विहितार्थाप्तसत्काराय नमः।
Om Vihitarthaptasatkaraya Namah।
922
ॐ मासकात्परिवर्तदाय नमः।
Om Masakatparivartadaya Namah।
923
ॐ उत्तङ्कहर्षदाय नमः।
Om Uttankaharshadaya Namah।
924
ॐ आत्मीयदिव्यरूपप्रदर्शकाय नमः।
Om Atmiyadivyarupapradarshakaya Namah।
925
ॐ जनकावगतस्वोक्तभारताय नमः।
Om Janakavagatasvoktabharataya Namah।
926
ॐ सर्वभावनाय नमः।
Om Sarvabhavanaya Namah।
927
ॐ असोढयादवोद्रेकाय नमः।
Om Asodhayadavodrekaya Namah।
928
ॐ विहिताप्तादिपूजनाय नमः।
Om Vihitaptadipujanaya Namah।
929
ॐ समुद्रस्थापिताश्चर्यमुसलाय नमः।
Om Samudrasthapitashcharyamusalaya Namah।
930
ॐ वृष्णिवाहकाय नमः।
Om Vrishnivahakaya Namah।
931
ॐ मुनिशापायुधाय नमः।
Om Munishapayudhaya Namah।
932
ॐ पद्मासनादित्रिदशार्थिताय नमः।
Om Padmasanaditridasharthitaya Namah।
933
ॐ सृष्टिप्रत्यवहारोत्काय नमः।
Om Srishtipratyavaharotkaya Namah।
934
ॐ स्वधामगमनोत्सुकाय नमः।
Om Svadhamagamanotsukaya Namah।
935
ॐ प्रभासालोकनोद्युक्ताय नमः।
Om Prabhasalokanodyuktaya Namah।
936
ॐ नानाविधनिमित्तकृते नमः।
Om Nanavidhanimittakrite Namah।
937
ॐ सर्वयादवसंसेव्याय नमः।
Om Sarvayadavasansevyaya Namah।
938
ॐ सर्वोत्कृष्टपरिच्छदाय नमः।
Om Sarvotkrishtaparichchhadaya Namah।
939
ॐ वेलाकाननसञ्चारिणे नमः।
Om Velakananasancharine Namah।
940
ॐ वेलानिलहृतश्रमाय नमः।
Om Velanilahritashramaya Namah।
941
ॐ कालात्मने नमः।
Om Kalatmane Namah।
942
ॐ यादवाय नमः।
Om Yadavaya Namah।
943
ॐ अनन्ताय नमः।
Om Anantaya Namah।
944
ॐ स्तुतिसन्तुष्टमानसाय नमः।
Om Stutisantushtamanasaya Namah।
945
ॐ द्विजालोकनसन्तुष्टाय नमः।
Om Dvijalokanasantushtaya Namah।
946
ॐ पुण्यतीर्थमहोत्सवाय नमः।
Om Punyatirthamahotsavaya Namah।
947
ॐ सत्काराह्लादिताशेषभूसुराय नमः।
Om Satkarahladitasheshabhusuraya Namah।
948
ॐ सुरवल्लभाय नमः।
Om Suravallabhaya Namah।
949
ॐ पुण्यतीर्थाप्लुताय नमः।
Om Punyatirthaplutaya Namah।
950
ॐ पुण्याय नमः।
Om Punyaya Namah।
951
ॐ पुण्यदाय नमः।
Om Punyadaya Namah।
952
ॐ तीर्थपावनाय नमः।
Om Tirthapavanaya Namah।
953
ॐ विप्रसात्कृतगोकोटये नमः।
Om Viprasatkritagokotaye Namah।
954
ॐ शतकोटिसुवर्णदाय नमः।
Om Shatakotisuvarnadaya Namah।
955
ॐ स्वमायामोहिताशेषवृष्णिवीराय नमः।
Om Svamayamohitasheshavrishniviraya Namah।
956
ॐ विशेषविदे नमः।
Om Visheshavide Namah।
957
ॐ जलजायुधनिर्देष्ट्रे नमः।
Om Jalajayudhanirdeshtre Namah।
958
ॐ स्वात्मावेशितयादवाय नमः।
Om Svatmaveshitayadavaya Namah।
959
ॐ देवताभीष्टवरदाय नमः।
Om Devatabhishtavaradaya Namah।
960
ॐ कृतकृत्याय नमः।
Om Kritakrityaya Namah।
961
ॐ प्रसन्नधिये नमः।
Om Prasannadhiye Namah।
962
ॐ स्थिरशेषायुतबलाय नमः।
Om Sthirasheshayutabalaya Namah।
963
ॐ सहस्रफणिवीक्षणाय नमः।
Om Sahasraphanivikshanaya Namah।
964
ॐ ब्रह्मवृक्षवरच्छायासीनाय नमः।
Om Brahmavrikshavarachchhayasinaya Namah।
965
ॐ पद्मासनस्थिताय नमः।
Om Padmasanasthitaya Namah।
966
ॐ प्रत्यगात्मने नमः।
Om Pratyagatmane Namah।
967
ॐ स्वभावार्थाय नमः।
Om Svabhavarthaya Namah।
968
ॐ प्रणिधानपरायणाय नमः।
Om Pranidhanaparayanaya Namah।
969
ॐ व्याधेषुविद्धपूज्याङ्घ्रये नमः।
Om Vyadheshuviddhapujyanghraye Namah।
970
ॐ निषादभयमोचनाय नमः।
Om Nishadabhayamochanaya Namah।
971
ॐ पुलिन्दस्तुतिसन्तुष्टाय नमः।
Om Pulindastutisantushtaya Namah।
972
ॐ पुलिन्दसुगतिप्रदाय नमः।
Om Pulindasugatipradaya Namah।
973
ॐ दारुकार्पितपार्थादिकरणीयोक्तये नमः।
Om Darukarpitaparthadikaraniyoktaye Namah।
974
ॐ ईशित्रे नमः।
Om Ishitre Namah।
975
ॐ दिव्यदुन्दुभिसंयुक्ताय नमः।
Om Divyadundubhisanyuktaya Namah।
976
ॐ पुष्पवृष्टिप्रपूजिताय नमः।
Om Pushpavrishtiprapujitaya Namah।
977
ॐ पुराणाय नमः।
Om Puranaya Namah।
978
ॐ परमेशानाय नमः।
Om Parameshanaya Namah।
979
ॐ पूर्णभूम्ने नमः।
Om Purnabhumne Namah।
980
ॐ परिष्टुताय नमः।
Om Parishtutaya Namah।
981
ॐ शुकवागमृताब्धीन्दवे नमः।
Om Shukavaganritabdhindave Namah।
982
ॐ गोविन्दाय नमः।
Om Govindaya Namah।
983
ॐ योगिनां पतये नमः।
Om Yoginam Pataye Namah।
984
ॐ वसुदेवात्मजाय नमः।
Om Vasudevatmajaya Namah।
985
ॐ पुण्याय नमः।
Om Punyaya Namah।
986
ॐ लीलामानुषविग्रहाय नमः।
Om Lilamanushavigrahaya Namah।
987
ॐ जगद्गुरवे नमः।
Om Jagadgurave Namah।
988
ॐ जगन्नाथाय नमः।
Om Jagannathaya Namah।
989
ॐ गीतामृतमहोदधये नमः।
Om Gitanritamahodadhaye Namah।
990
ॐ पुण्यश्लोकाय नमः।
Om Punyashlokaya Namah।
991
ॐ तीर्थपादाय नमः।
Om Tirthapadaya Namah।
992
ॐ वेदवेद्याय नमः।
Om Vedavedyaya Namah।
993
ॐ दयानिधये नमः।
Om Dayanidhaye Namah।
994
ॐ नारायणाय नमः।
Om Narayanaya Namah।
995
ॐ यज्ञमूर्तये नमः।
Om Yajnamurtaye Namah।
996
ॐ पन्नगाशनवाहनाय नमः।
Om Pannagashanavahanaya Namah।
997
ॐ आद्याय पतये नमः।
Om Adyaya Pataye Namah।
998
ॐ परस्मै ब्रह्मणे नमः।
Om Parasmai Brahmane Namah।
999
ॐ परमात्मने नमः।
Om Paramatmane Namah।
1000
ॐ परात्पराय नमः।
Om Paratparaya Namah।
॥ Iti Shri Krishna Sahasranamavalih Sampurna ॥